भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
4.
आंदण देई रे भाऊराया
काय देऊ ग बहिणी बया ऊसा सहित पानमळा आंदण देई रे भाऊराया काय देऊ ग बहिणी बया
बहिण परिस लेकीची माया
www.khapre.org से प्रतिबिम्बित