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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार= विनोद स्वामी |संग्रह=}}[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]{{KKCatKavita}}<poemPoem>बाबै नै
पसीनै सूं
हळाडोब हुयोड़ो देख
बरसणो सीख लियो मेह।
</poem>