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* [[ये कहना है, वो कहना है, यूँ नैन बिछाये रस्ते में / पुरुषोत्तम 'यक़ीन']]
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'''राजस्थानी में ग़ज़लें '''
* [[घणीं अंधारी छै या रात, पण हुयौ काईं / पुरुषोत्तम 'यक़ीन']]
* [[न्है तू ही सुधरयौ न्हं म्हूं अ’र यो सारौ बीत बी ग्यौ / पुरुषोत्तम 'यक़ीन']]