{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= चंद्रसिंह बिरकाली |संग्रह= लू /चंद्रसिंह
}}
<poem>{{KKPustakकोमल-कोमल पांखडया, कोमल-कोमल पान !|चित्र= कोमल-कोमल बेलडया, राख्या लुआं ध्यान !!|नाम=लु (दोहावली)|रचनाकार=[[चंद्रसिंह बिरकाली]]लुआं लाग पिळीजिया, आमाँ हाल-बेहाल !|प्रकाशक= पीजूं मरुधर पाकिया, ले लाली जूं लाल !!|वर्ष= <|भाषा=राजस्थानी |विषय=कविता |शैली=दोहा |पृष्ठ=|ISBN=|विविध=काव्य }}* [[दस दोहे (01-10) /poem>चंद्रसिंह बिरकाली]]