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02:37, 29 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण
ठाली बूली ठिठकारियोड़ी ठंड में
बै आवै
अभ्यास सारू
सारी-सारी रात
धोरां में धमाका
धूजै रेत
डरूं-फरूं लुगायां
कांई हुवैला रै सोच में मिनख
धक-धक करै छाती
चिरळी मार जागै
घरां में टाबर
संभाळै मा
देखै अर डरै
राजा बेटै रो बिछाणो
मूत सू आलो !