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दस दोहे (41-50) / चंद्रसिंह बिरकाली
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16:32, 1 दिसम्बर 2010
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सो-सो कोसां वरणसी करसी काळ विधूंस ।।41।।
आज काली घटा उमड़ी है, हल्के बादल खूब बिखर रहे हैं । यह सौ-सौ कोसों तक बरसेगी और अकाल का विध्वंस
करेगी ।
करेगी।
दिन में रात जगावती वादळियां बरसात ।
अनिल जनविजय
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