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01:55, 12 अगस्त 2011 के समय का अवतरण
ठुमरी-सी भैरवी की ख़ुमारी शराब की
दिल में है उनकी याद कि ख़ुशबू गुलाब की
हम तो हरेक सवाल पे देते रहे हैं जान
अब क्यों रहे किसीको शिकायत जवाब की
कहते हैं लोग, 'आपके दिल में है हमसे प्यार'
हम भी तो देखते कभी तड़पें जनाब की!
उड़ने लगा है क्यों भला चेहरे का उनके रंग!
दुहरा रहे थे हम तो कहानी किताब की
हर एक नज़र के साथ महकते हैं सौ गुलाब
की बात जो भी आपने वह लाजवाब की