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छव महीना मधुपुर जायब, बरिस दिन आयब हे।
धनियाँ, बारह बरिस मधुपुर छायब, तोहंे नहिं बिसरायब हे॥2॥
बारहे बरिस पर राजा लउटे,<ref>लौटे</ref> दुअरा<ref>द्वार, दरवाजारवाजा</ref> बीचे गनि<ref>गनि = पटसन के मोटे टाट की बनी हुई बोरी या रुपये रखने का जालीदार थैला; गँजिया। गनि-गोणी<ref>(संस्कृ.</ref>); मिला. - गनी कहा., कहावत-‘कूदे गोन न कूदे तंगी।’तंगी</ref> ढारे<ref>ढालता है, उझलता है।है</ref> हे।
ए ललना, चेरिया<ref>चेटी, नौकरानी</ref> बोलाइ भेद पूछे, धनि मोर कवन रँग हे॥3॥
तोर धनि हँथवा के फरहर,<ref>फुरतीला</ref>, मुँहवा के लायक<ref>योग्य</ref> हे।
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