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+ | मृत्यु तू आना | ||
तेरा स्वागत करूँगा | तेरा स्वागत करूँगा | ||
किन्तु मत आना | किन्तु मत आना | ||
कि जैसे कोई बिल्ली | कि जैसे कोई बिल्ली | ||
− | एक कबूतर की | + | एक कबूतर की तरफ़ |
चुपचाप आती | चुपचाप आती | ||
फिर झपट्टा मारती है यकबयक ही | फिर झपट्टा मारती है यकबयक ही | ||
पंक्ति 10: | पंक्ति 18: | ||
नोच लेती पंख | नोच लेती पंख | ||
पीती रक्त उसका | पीती रक्त उसका | ||
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मृत्यु तुझको | मृत्यु तुझको | ||
आना ही अगर है पास मेरे | आना ही अगर है पास मेरे | ||
पंक्ति 15: | पंक्ति 24: | ||
जैसे एक ममतामयी माँ | जैसे एक ममतामयी माँ | ||
अपने किसी | अपने किसी | ||
− | बीमार सुत के पास | + | बीमार सुत के पास आए |
और अपनी गोद में | और अपनी गोद में | ||
सिर रख के उसका | सिर रख के उसका | ||
पंक्ति 22: | पंक्ति 31: | ||
फिर हथेली में | फिर हथेली में | ||
जगत का प्यार भर कर | जगत का प्यार भर कर | ||
− | धीरे से | + | धीरे से सहलाए उसका तप्त मस्तक |
थपथपा कर पीर | थपथपा कर पीर | ||
कर दे शांत उसकी | कर दे शांत उसकी | ||
पंक्ति 60: | पंक्ति 69: | ||
जानता उसको नहीं है | जानता उसको नहीं है | ||
और जब बच्चा वह | और जब बच्चा वह | ||
− | + | ख़ुश होता किलकता | |
सामने आता है उसके | सामने आता है उसके | ||
क्या करे वह ? | क्या करे वह ? | ||
पंक्ति 69: | पंक्ति 78: | ||
मृत्यु | मृत्यु | ||
− | तू भी इस तरह | + | तू भी इस तरह आए अगर तो |
यह वचन है | यह वचन है | ||
तुझको कुछ भी | तुझको कुछ भी | ||
यत्न न करना पड़ेगा | यत्न न करना पड़ेगा | ||
मै तुझे | मै तुझे | ||
− | + | ख़ुद खींच लूँगा | |
पास अपने | पास अपने | ||
और | और | ||
− | + | उँगली थाम | |
तेरी चल पडूँगा | तेरी चल पडूँगा | ||
तू जहाँ | तू जहाँ | ||
पंक्ति 84: | पंक्ति 93: | ||
मृत्यु ! | मृत्यु ! | ||
स्वागत है तेरा | स्वागत है तेरा | ||
− | जब चाहे आना</poem> | + | जब चाहे आना |
+ | </poem> |
01:40, 6 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
मृत्यु तू आना
तेरा स्वागत करूँगा
किन्तु मत आना
कि जैसे कोई बिल्ली
एक कबूतर की तरफ़
चुपचाप आती
फिर झपट्टा मारती है यकबयक ही
तोड़ गर्दन
नोच लेती पंख
पीती रक्त उसका
मृत्यु तुझको
आना ही अगर है पास मेरे
तो ऐसे आना
जैसे एक ममतामयी माँ
अपने किसी
बीमार सुत के पास आए
और अपनी गोद में
सिर रख के उसका
स्नेह से देखे उसे
कुछ मुस्कुरा कर
फिर हथेली में
जगत का प्यार भर कर
धीरे से सहलाए उसका तप्त मस्तक
थपथपा कर पीर
कर दे शांत उसकी
और मीठी नींद में
उसको सुला दे
मृत्यु !
स्वागत है तेरा
जब चाहे आना
किन्तु मत आना
कि आता चोर जैसे
और ले जाता
उमर भर क़ी कमाई
तू दबे पाँव ही आना चाहती है
तो ऐसे आना
जैसे कोई भोला बच्चा
आके पीछे से अचानक
दूसरे की
अपने कोमल हाथ से
बंद आँख कर ले
और फिर पूछे
बताओ कौन हूँ मैं ?
तू ही बता
वह क्या करे फिर
मीची गई हैं आँख जिसकी
और जिससे
प्रश्न यह पूछा गया है
है पता उसको
कि किसके हाथ हैं ये
कौन उसकी पीठ के पीछे खड़ा है
किन्तु फिर भी
अभिनय तो करता है
थोड़ी देर को वह
जैसे बिल्कुल
जानता उसको नहीं है
और जब बच्चा वह
ख़ुश होता किलकता
सामने आता है उसके
क्या करे वह ?
खींच लेता अंक में अपने
पकड़ कर
एक चुम्बन
गाल पर जड़ देता उसके
मृत्यु
तू भी इस तरह आए अगर तो
यह वचन है
तुझको कुछ भी
यत्न न करना पड़ेगा
मै तुझे
ख़ुद खींच लूँगा
पास अपने
और
उँगली थाम
तेरी चल पडूँगा
तू जहाँ
जिस राह पर भी ले चलेगी
मृत्यु !
स्वागत है तेरा
जब चाहे आना