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सोनिया समन्दर | सोनिया समन्दर | ||
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सामने | सामने | ||
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लहराता है | लहराता है | ||
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जहाँ तक नज़र जाती है, | जहाँ तक नज़र जाती है, | ||
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सोनिया समन्दर ! | सोनिया समन्दर ! | ||
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बिछा है मैदान में | बिछा है मैदान में | ||
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सोन ही सोना | सोन ही सोना | ||
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सोना ही सोना | सोना ही सोना | ||
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सोना ही सोना | सोना ही सोना | ||
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गेहूँ की पकी फसलें तैयार हैं-- | गेहूँ की पकी फसलें तैयार हैं-- | ||
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बुला रही हैं | बुला रही हैं | ||
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खेतिहरों को | खेतिहरों को | ||
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..."ले चलो हमें | ..."ले चलो हमें | ||
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खलिहान में-- | खलिहान में-- | ||
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घर की लक्ष्मी के | घर की लक्ष्मी के | ||
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हवाले करो | हवाले करो | ||
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ले चलो यहाँ से" | ले चलो यहाँ से" | ||
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बुला रही हैं | बुला रही हैं | ||
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गेहूँ की तैयार फसलें | गेहूँ की तैयार फसलें | ||
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अपने-अपने कॄषकों को... | अपने-अपने कॄषकों को... | ||
− | 1983 में रचित | + | '''1983 में रचित |
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12:50, 25 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
सोनिया समन्दर
सामने
लहराता है
जहाँ तक नज़र जाती है,
सोनिया समन्दर !
बिछा है मैदान में
सोन ही सोना
सोना ही सोना
सोना ही सोना
गेहूँ की पकी फसलें तैयार हैं--
बुला रही हैं
खेतिहरों को
..."ले चलो हमें
खलिहान में--
घर की लक्ष्मी के
हवाले करो
ले चलो यहाँ से"
बुला रही हैं
गेहूँ की तैयार फसलें
अपने-अपने कॄषकों को...
1983 में रचित