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"तन गई रीढ़ / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर

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झुकी पीठ को मिला  
 
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किसी हथेली का स्पर्श
 
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तन गई रीढ़
 
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महसूस हुई कन्धों को
 
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पीछे से,
 
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किसी नाक की सहज उष्ण निराकुल साँसें
 
किसी नाक की सहज उष्ण निराकुल साँसें
 
 
तन गई रीढ़  
 
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कौंधी कहीं चितवन
 
कौंधी कहीं चितवन
 
 
रंग गए कहीं किसी के होठ
 
रंग गए कहीं किसी के होठ
 
 
निगाहों के ज़रिये जादू घुसा अन्दर
 
निगाहों के ज़रिये जादू घुसा अन्दर
 
 
तन गई रीढ़
 
तन गई रीढ़
 
  
 
गूँजी कहीं खिलखिलाहट
 
गूँजी कहीं खिलखिलाहट
 
 
टूक-टूक होकर छितराया सन्नाटा
 
टूक-टूक होकर छितराया सन्नाटा
 
 
भर गए कर्णकुहर
 
भर गए कर्णकुहर
 
 
तन गई रीढ़
 
तन गई रीढ़
 
  
 
आगे से आया
 
आगे से आया
 
 
अलकों के तैलाक्त परिमल का झोंका
 
अलकों के तैलाक्त परिमल का झोंका
 
 
रग-रग में दौड़ गई बिजली
 
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तन गई रीढ़
 
तन गई रीढ़
  
  
1957 में रचित
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'''रचनाकाल : 1957 में रचित

12:09, 25 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

झुकी पीठ को मिला
किसी हथेली का स्पर्श
तन गई रीढ़

महसूस हुई कन्धों को
पीछे से,
किसी नाक की सहज उष्ण निराकुल साँसें
तन गई रीढ़

कौंधी कहीं चितवन
रंग गए कहीं किसी के होठ
निगाहों के ज़रिये जादू घुसा अन्दर
तन गई रीढ़

गूँजी कहीं खिलखिलाहट
टूक-टूक होकर छितराया सन्नाटा
भर गए कर्णकुहर
तन गई रीढ़

आगे से आया
अलकों के तैलाक्त परिमल का झोंका
रग-रग में दौड़ गई बिजली
तन गई रीढ़


रचनाकाल : 1957 में रचित