"लालू साहू / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर
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शोक विह्वल लालू साहू | शोक विह्वल लालू साहू | ||
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आपनी पत्नी की चिता में | आपनी पत्नी की चिता में | ||
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कूद गया | कूद गया | ||
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लाख मना किया लोगों ने | लाख मना किया लोगों ने | ||
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लाख-लाख मिन्नतें कीं | लाख-लाख मिन्नतें कीं | ||
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अनुरोध किया लाख-लाख | अनुरोध किया लाख-लाख | ||
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लालू ने एक न सुनी... | लालू ने एक न सुनी... | ||
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63 वर्षीय लालू 60 वर्षीया पत्नी की | 63 वर्षीय लालू 60 वर्षीया पत्नी की | ||
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चिता में अपने को डालकर 'सती' हो गया | चिता में अपने को डालकर 'सती' हो गया | ||
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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एफ़.एस. बाखरे ने आज | अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एफ़.एस. बाखरे ने आज | ||
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यहाँ बतलाया-- | यहाँ बतलाया-- | ||
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लालू सलेमताबाद के निकट बंघी गाँव का रहने वाला था | लालू सलेमताबाद के निकट बंघी गाँव का रहने वाला था | ||
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पत्नी अर्से से बीमार थी | पत्नी अर्से से बीमार थी | ||
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लालू ने महीनों उसकी परिचर्या की | लालू ने महीनों उसकी परिचर्या की | ||
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मगर वो बच न सकी | मगर वो बच न सकी | ||
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निकटवर्ती नदी के किनारे चिता प्रज्वलित हुई | निकटवर्ती नदी के किनारे चिता प्रज्वलित हुई | ||
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दिवंगत की लाश जलने लगी | दिवंगत की लाश जलने लगी | ||
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लालू जबरन उस चिता में कूद गया | लालू जबरन उस चिता में कूद गया | ||
लालू की काया बुरी तरह झुलस गई थी | लालू की काया बुरी तरह झुलस गई थी | ||
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लोगों ने खींच-खाँचकर उसे बाहर निकाला | लोगों ने खींच-खाँचकर उसे बाहर निकाला | ||
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मगर लालू को बचाया न जा सका | मगर लालू को बचाया न जा सका | ||
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थोड़ी देर बाद ही उसके प्राण-पखेरू उड़ गए | थोड़ी देर बाद ही उसके प्राण-पखेरू उड़ गए | ||
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पीछे-- | पीछे-- | ||
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मॄत लालू का शव भी उसकी पत्नी की चिता में ही | मॄत लालू का शव भी उसकी पत्नी की चिता में ही | ||
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डाल दिया गया | डाल दिया गया | ||
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पीछे-- | पीछे-- | ||
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पुलिस वालों ने लालू के अवशेषों को | पुलिस वालों ने लालू के अवशेषों को | ||
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अपने कब्ज़े में ले लिया... | अपने कब्ज़े में ले लिया... | ||
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इस प्रकार एक पति उस रोज़ 'सती' हो गया | इस प्रकार एक पति उस रोज़ 'सती' हो गया | ||
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और अब दिवंगत पति (लालू साहू) के नाम | और अब दिवंगत पति (लालू साहू) के नाम | ||
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पुलिस वाले केस चलाएंगे... | पुलिस वाले केस चलाएंगे... | ||
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क्या इस हमदर्द कवि को तथाकथित अभियुक्त के पक्ष में | क्या इस हमदर्द कवि को तथाकथित अभियुक्त के पक्ष में | ||
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भावात्मक साक्ष्य देना होगा बाहर जाकर ? | भावात्मक साक्ष्य देना होगा बाहर जाकर ? | ||
− | + | (1976), (जब नागार्जुन इमरजेंसी के दौरान जेल में थे) | |
− | 1976 | + | </poem> |
12:02, 18 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण
शोक विह्वल लालू साहू
आपनी पत्नी की चिता में
कूद गया
लाख मना किया लोगों ने
लाख-लाख मिन्नतें कीं
अनुरोध किया लाख-लाख
लालू ने एक न सुनी...
63 वर्षीय लालू 60 वर्षीया पत्नी की
चिता में अपने को डालकर 'सती' हो गया
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एफ़.एस. बाखरे ने आज
यहाँ बतलाया--
लालू सलेमताबाद के निकट बंघी गाँव का रहने वाला था
पत्नी अर्से से बीमार थी
लालू ने महीनों उसकी परिचर्या की
मगर वो बच न सकी
निकटवर्ती नदी के किनारे चिता प्रज्वलित हुई
दिवंगत की लाश जलने लगी
लालू जबरन उस चिता में कूद गया
लालू की काया बुरी तरह झुलस गई थी
लोगों ने खींच-खाँचकर उसे बाहर निकाला
मगर लालू को बचाया न जा सका
थोड़ी देर बाद ही उसके प्राण-पखेरू उड़ गए
पीछे--
मॄत लालू का शव भी उसकी पत्नी की चिता में ही
डाल दिया गया
पीछे--
पुलिस वालों ने लालू के अवशेषों को
अपने कब्ज़े में ले लिया...
इस प्रकार एक पति उस रोज़ 'सती' हो गया
और अब दिवंगत पति (लालू साहू) के नाम
पुलिस वाले केस चलाएंगे...
क्या इस हमदर्द कवि को तथाकथित अभियुक्त के पक्ष में
भावात्मक साक्ष्य देना होगा बाहर जाकर ?
(1976), (जब नागार्जुन इमरजेंसी के दौरान जेल में थे)