भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मेह / श्याम महर्षि" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्याम महर्षि |संग्रह=अड़वो / श्याम महर्षि }} [[Category:…)
 
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=अड़वो / श्याम महर्षि
 
|संग्रह=अड़वो / श्याम महर्षि
 
}}
 
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
+
{{KKCatRajasthaniRachna}}
 
{{KKCatKavita‎}}
 
{{KKCatKavita‎}}
<Poem>
+
<poem>
 
+
 
टिटूड़ी रौ बोकणै
 
टिटूड़ी रौ बोकणै
 
अर चांद री
 
अर चांद री
पंक्ति 33: पंक्ति 32:
 
मेह बाबो आवै
 
मेह बाबो आवै
 
सीटा-पोळी ल्यावै।
 
सीटा-पोळी ल्यावै।
 
+
</poem>
</Poem>
+

19:42, 17 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

टिटूड़ी रौ बोकणै
अर चांद री
बादळ्यां सूं
होंवती रैयी
लुक मिचणी
आखी रात,

पळकती बिजळीं
अर गरजता बादळ
ढळती रात रा
आभै मांय
मचावै तुरळ,

उजाळै रो
इन्दरधनख
बिरखा सूं
भीज‘र
करै सरूआत
नूंवैं दिन री,

नाचै-कूदै अर
गावै टाबर
बीच गवाड़
मेह बाबो आवै
सीटा-पोळी ल्यावै।