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साहित्य अकादमी सभागार में | साहित्य अकादमी सभागार में | ||
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तुमने कविताएँ अच्छी पढ़ी थीं | तुमने कविताएँ अच्छी पढ़ी थीं | ||
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मेरे विचार में | मेरे विचार में | ||
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कविता पाठ के बाद अचानक | कविता पाठ के बाद अचानक | ||
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तुम आईं मेरे पास | तुम आईं मेरे पास | ||
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कैसे हो, अनि ? | कैसे हो, अनि ? | ||
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कहाँ हो तुम अब ? | कहाँ हो तुम अब ? | ||
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--पूछा तुमने सहास | --पूछा तुमने सहास | ||
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मैंने कहा-- | मैंने कहा-- | ||
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क्या कहूँ मैं तुमसे | क्या कहूँ मैं तुमसे | ||
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कहाँ है मेरा डेरा | कहाँ है मेरा डेरा | ||
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वैसा ही हूँ जैसा तब था | वैसा ही हूँ जैसा तब था | ||
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वैसा ही जीवन | वैसा ही जीवन | ||
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सम्बन्ध अजब-सा | सम्बन्ध अजब-सा | ||
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कविता से मेरा | कविता से मेरा | ||
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तुम भी तो हो वैसी की वैसी | तुम भी तो हो वैसी की वैसी | ||
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ओ जादू की गुड़िया | ओ जादू की गुड़िया | ||
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पहले भी थीं, अब भी हो तुम | पहले भी थीं, अब भी हो तुम | ||
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कविताओं की पुड़िया | कविताओं की पुड़िया | ||
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1997 में रचित | 1997 में रचित | ||
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11:58, 8 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण
दिन कविता का था
साहित्य अकादमी सभागार में
तुमने कविताएँ अच्छी पढ़ी थीं
मेरे विचार में
कविता पाठ के बाद अचानक
तुम आईं मेरे पास
कैसे हो, अनि ?
कहाँ हो तुम अब ?
--पूछा तुमने सहास
मैंने कहा--
क्या कहूँ मैं तुमसे
कहाँ है मेरा डेरा
वैसा ही हूँ जैसा तब था
वैसा ही जीवन
सम्बन्ध अजब-सा
कविता से मेरा
तुम भी तो हो वैसी की वैसी
ओ जादू की गुड़िया
पहले भी थीं, अब भी हो तुम
कविताओं की पुड़िया
1997 में रचित