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त्वचा आवाज़ों को सुनती है | त्वचा आवाज़ों को सुनती है | ||
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ख़ामोशी की अपनी एक देह है | ख़ामोशी की अपनी एक देह है | ||
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पैरों में भी निवास करती हैं संवेदनाएँ | पैरों में भी निवास करती हैं संवेदनाएँ | ||
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पीठ की अपनी ही एक कहानी है | पीठ की अपनी ही एक कहानी है | ||
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अभी-अभी दबी हथेली का | अभी-अभी दबी हथेली का | ||
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धीरे-धीरे उभरना | धीरे-धीरे उभरना | ||
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कुछ कहता है देर तक | कुछ कहता है देर तक | ||
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(1990 में रचित) | (1990 में रचित) | ||
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01:21, 15 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण
त्वचा आवाज़ों को सुनती है
ख़ामोशी की अपनी एक देह है
पैरों में भी निवास करती हैं संवेदनाएँ
पीठ की अपनी ही एक कहानी है
अभी-अभी दबी हथेली का
धीरे-धीरे उभरना
कुछ कहता है देर तक
(1990 में रचित)