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"चंद्रकूट वर्षा / दिनेश कुमार शुक्ल" के अवतरणों में अंतर

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जब दृष्टि स्वयम् घुल गई दृश्य के साथ-साथ
 
जब दृष्टि स्वयम् घुल गई दृश्य के साथ-साथ

18:37, 31 मार्च 2011 के समय का अवतरण

जब दृष्टि स्वयम् घुल गई दृश्य के साथ-साथ
तब जो भी था सब भर आया
भर आईं आँखें
कण्ठ
हृदय
सातों समुद्र
सब भर आये

आँसू बरसे
अमृत बरसा
बरसे तरकश के तीर
क्षीर-अमृत-हालाहल-कालकूट
गिरि चंद्रकूट की तरह
चमकते थे बादल

उन झड़ियों की झकझोर
यहाँ तक आती थी उन दिनों
यहाँ तक...