भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"रात ! / कन्हैया लाल सेठिया" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया |संग्रह=क-क्को कोड रो / कन्ह…) |
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह=क-क्को कोड रो / कन्हैया लाल सेठिया | |संग्रह=क-क्को कोड रो / कन्हैया लाल सेठिया | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatRajasthaniRachna}} | |
{{KKCatKavita}} | {{KKCatKavita}} | ||
<Poem> | <Poem> | ||
− | |||
अंधेरो | अंधेरो | ||
आंख रो काजळ, | आंख रो काजळ, | ||
पंक्ति 17: | पंक्ति 16: | ||
दीठ | दीठ | ||
दिवलै री उजाळी ! | दिवलै री उजाळी ! | ||
− | |||
</Poem> | </Poem> |
07:30, 19 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
अंधेरो
आंख रो काजळ,
तारा
डील री रूंआळी,
कुण कवै
रात नै काळी ?
बीं रो ही रूप
दीठ
दिवलै री उजाळी !