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ऎसी ही कटोरी, ऎसा ही गिलास
 
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ऎसी ही रोटी और ऎसा ही पानी;
 
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बस थाली के एक तरफ़
 
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माँ ने रख दी होती एक सुडौल हरी मिर्च
 
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और थोड़ा-सा नमक ।
 
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सामने किवाड़ से लगकर
 
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रो रहा था वह लड़का
 
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जिसने मेरे सामने
 
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रक्खी थी थाली ।
 
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12:55, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

1

सब कुछ यही रहता
ऎसी ही थाली
ऎसी ही कटोरी, ऎसा ही गिलास
ऎसी ही रोटी और ऎसा ही पानी;
बस थाली के एक तरफ़
माँ ने रख दी होती एक सुडौल हरी मिर्च
और थोड़ा-सा नमक ।

2

जैसे ही कौर उठाया
हाथ रुक गया ।

सामने किवाड़ से लगकर
रो रहा था वह लड़का
जिसने मेरे सामने
रक्खी थी थाली ।