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"डायरी : मार्च'78 (हाथ) / अरुण कमल" के अवतरणों में अंतर

 
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सरकार का कहना है
 
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कारखाने में गोली चली, उसमें
 
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ट्रेड यूनियन का हाथ है,
 
ट्रेड यूनियन का हाथ है,
 
 
मारे गए मुसहर, उसमें भी
 
मारे गए मुसहर, उसमें भी
 
 
किसान सभाओं का हाथ है,
 
किसान सभाओं का हाथ है,
 
 
विद्यार्थियों के हंगामों में
 
विद्यार्थियों के हंगामों में
 
 
छात्र-संगठनों का हाथ है
 
छात्र-संगठनों का हाथ है
 
 
और राज्य म्रं जो भी गड़बड़ी है
 
और राज्य म्रं जो भी गड़बड़ी है
 
 
सब में कम्युनिस्टों का हाथ है ।
 
सब में कम्युनिस्टों का हाथ है ।
 
  
 
हुज़ूर ने ठीक फ़रमाया
 
हुज़ूर ने ठीक फ़रमाया
 
 
इस दुनिया के पीछे भी ईश्वर का हाथ है !
 
इस दुनिया के पीछे भी ईश्वर का हाथ है !
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12:58, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

सरकार का कहना है
कारखाने में गोली चली, उसमें
ट्रेड यूनियन का हाथ है,
मारे गए मुसहर, उसमें भी
किसान सभाओं का हाथ है,
विद्यार्थियों के हंगामों में
छात्र-संगठनों का हाथ है
और राज्य म्रं जो भी गड़बड़ी है
सब में कम्युनिस्टों का हाथ है ।

हुज़ूर ने ठीक फ़रमाया
इस दुनिया के पीछे भी ईश्वर का हाथ है !