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"दिल्ली / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर

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बीस बरस पहले की  
 
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अपनी वो आश्नाई
 
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मुझे याद है
 
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मैं भूला नहीं हूँ अब तलक
 
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कसमें जो भी
 
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तब तूने मुझे दिलाईं
 
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मुझे याद हैं  
 
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मैं भूला नहीं हूँ अब तलक
 
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बिन तेरे
 
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महसूस होती थी जो तन्हाई
 
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मुझे याद है
 
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मैं भूला नहीं हूँ अब तलक
 
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तब मुझसे तूने किए थे
 
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जो वादे
 
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मुझे याद हैं
 
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मैं भूला नहीं हूँ अब तलक
 
मैं भूला नहीं हूँ अब तलक
 
  
 
फिर तूने तोड़ दिया था
 
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मेरा शीशा-ए-दिल
 
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मुझे याद है
 
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मैं भूला नहीं हूँ अब तलक
 
मैं भूला नहीं हूँ अब तलक
 
  
 
सबके सामने तूने
 
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की थी मेरी रुसवाई
 
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मुझे याद है
 
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मैं भूला नहीं हूँ अब तलक
 
मैं भूला नहीं हूँ अब तलक
 
  
 
तेरी ही वज़ह से
 
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तब हुई थी जगहँसाई
 
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मुझे याद है
 
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मैं भूला नहीं हूँ अब तलक
 
मैं भूला नहीं हूँ अब तलक
  
 
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(1992 में रचित)
(1992में रचित)
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13:03, 8 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण

बीस बरस पहले की
अपनी वो आश्नाई
मुझे याद है
मैं भूला नहीं हूँ अब तलक

कसमें जो भी
तब तूने मुझे दिलाईं
मुझे याद हैं
मैं भूला नहीं हूँ अब तलक

बिन तेरे
महसूस होती थी जो तन्हाई
मुझे याद है
मैं भूला नहीं हूँ अब तलक

तब मुझसे तूने किए थे
जो वादे
मुझे याद हैं
मैं भूला नहीं हूँ अब तलक

फिर तूने तोड़ दिया था
मेरा शीशा-ए-दिल
मुझे याद है
मैं भूला नहीं हूँ अब तलक

सबके सामने तूने
की थी मेरी रुसवाई
मुझे याद है
मैं भूला नहीं हूँ अब तलक

तेरी ही वज़ह से
तब हुई थी जगहँसाई
मुझे याद है
मैं भूला नहीं हूँ अब तलक

(1992 में रचित)