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जब तक मैं कहता रहा
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जीवन की कथा उदास
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उबासियाँ आप लेते रहे
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बैठे रहे मेरे पास
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पर ज्यों ही शुरू किया मैं ने
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सत्ता का झूठा यश-गान
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सिर-माथे पर मुझे बैठाकर
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किया आप ने मेरा मान
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2004 में रचित
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20:39, 22 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण

जब तक मैं कहता रहा
जीवन की कथा उदास
उबासियाँ आप लेते रहे
बैठे रहे मेरे पास

पर ज्यों ही शुरू किया मैं ने
सत्ता का झूठा यश-गान
सिर-माथे पर मुझे बैठाकर
किया आप ने मेरा मान

2004 में रचित