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झिझकती आँखों से
 
झिझकती आँखों से
 
 
मैं ने तुम्हें परसा है
 
मैं ने तुम्हें परसा है
 
 
मधुमालती के फूल,
 
मधुमालती के फूल,
 
 
कहीं यह परस
 
कहीं यह परस
 
 
तुम्हें खल न जाय
 
तुम्हें खल न जाय
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05:04, 22 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

झिझकती आँखों से
मैं ने तुम्हें परसा है
मधुमालती के फूल,
कहीं यह परस
तुम्हें खल न जाय