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"आपौ / मीठेश निर्मोही" के अवतरणों में अंतर

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आपै रा
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आपां सूं ई तौ है
 
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गूंजतौ आखै
 
गूंजतौ आखै
 
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आभै
क्यूं म्हारा देव ?
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क्यूं म्हारा देव?
 
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13:13, 1 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

थारै मिंदरियै पूरीजतौ संख म्हारै घर-आंगणियै बाजतौ कांसी-थाळ।

थारै अर म्हारै आपै रा ऐहलांण।

आपां सूं ई तौ है औ नाद गूंजतौ आखै आभै क्यूं म्हारा देव? </poem>