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जिसे मैंने खोजा, पल पल सँवारा स्मरण से,
 
जिसे मैंने खोजा, पल पल सँवारा स्मरण से,
 
 
उसे देखा आँखों, तन मन बिसारे विकल हो,
 
उसे देखा आँखों, तन मन बिसारे विकल हो,
 
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किसी के पीछे है सकल घटना भर्तृहरि की
किसी के पीछे है. सकल घटना भर्तृहरि की
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लिखी देखी आगे अगम तम में भी सुगम था
 
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लिखी देखी आगे. अगम तम में भी सुगम था .
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05:15, 22 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

जिसे मैंने खोजा, पल पल सँवारा स्मरण से,
उसे देखा आँखों, तन मन बिसारे विकल हो,
किसी के पीछे है । सकल घटना भर्तृहरि की
लिखी देखी आगे । अगम तम में भी सुगम था ।