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"पवन शान्त नहीं है / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर
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आज पवन शांत नहीं है श्यामा | आज पवन शांत नहीं है श्यामा | ||
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देखो शांत खड़े उन आमों को | देखो शांत खड़े उन आमों को | ||
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हिलाए दे रहा है | हिलाए दे रहा है | ||
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उस नीम को | उस नीम को | ||
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झकझोर रहा है | झकझोर रहा है | ||
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और देखो तो | और देखो तो | ||
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तुम्हारी कभी साड़ी खींचता है | तुम्हारी कभी साड़ी खींचता है | ||
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कभी ब्लाउज़ | कभी ब्लाउज़ | ||
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कभी बाल | कभी बाल | ||
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धूल को उड़ाता है | धूल को उड़ाता है | ||
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बग़ीचों और खेतों के | बग़ीचों और खेतों के | ||
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सूखे तृण-पात नहीं छोड़ता है | सूखे तृण-पात नहीं छोड़ता है | ||
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कितना अधीर है | कितना अधीर है | ||
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तुम्हारे वस्त्र बार बार खींचता है | तुम्हारे वस्त्र बार बार खींचता है | ||
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और तुम्हें बार बार आग्रह से | और तुम्हें बार बार आग्रह से | ||
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छूता है | छूता है | ||
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यौवन का ऎसा ही प्रभाव है | यौवन का ऎसा ही प्रभाव है | ||
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सभी को यह उद्वेलित करता है | सभी को यह उद्वेलित करता है | ||
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आओ ज़रा देर और घूमें फिरें | आओ ज़रा देर और घूमें फिरें | ||
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पवन आज उद्धत है | पवन आज उद्धत है | ||
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वृक्ष-लता-तृण-वीरुध नाचते हैं | वृक्ष-लता-तृण-वीरुध नाचते हैं | ||
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चौपाए कुलेल करते हैं | चौपाए कुलेल करते हैं | ||
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और चिड़ियाँ बोलती हैं | और चिड़ियाँ बोलती हैं | ||
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आओ श्यामा थोड़ा और घूमें फिरें | आओ श्यामा थोड़ा और घूमें फिरें | ||
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04:55, 22 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण
आज पवन शांत नहीं है श्यामा
देखो शांत खड़े उन आमों को
हिलाए दे रहा है
उस नीम को
झकझोर रहा है
और देखो तो
तुम्हारी कभी साड़ी खींचता है
कभी ब्लाउज़
कभी बाल
धूल को उड़ाता है
बग़ीचों और खेतों के
सूखे तृण-पात नहीं छोड़ता है
कितना अधीर है
तुम्हारे वस्त्र बार बार खींचता है
और तुम्हें बार बार आग्रह से
छूता है
यौवन का ऎसा ही प्रभाव है
सभी को यह उद्वेलित करता है
आओ ज़रा देर और घूमें फिरें
पवन आज उद्धत है
वृक्ष-लता-तृण-वीरुध नाचते हैं
चौपाए कुलेल करते हैं
और चिड़ियाँ बोलती हैं
आओ श्यामा थोड़ा और घूमें फिरें