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अब कहाँ चाँद-सितारे हैं नज़र के आगे! | अब कहाँ चाँद-सितारे हैं नज़र के आगे! | ||
− | बस उस | + | बस उस तरफ़ के किनारे हैं नज़र के आगे |
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कोई कुछ भी ही कहे हमने तो यही देखा है | कोई कुछ भी ही कहे हमने तो यही देखा है | ||
ख़्वाब ही ख़्वाब ये सारे हैं नज़र के आगे | ख़्वाब ही ख़्वाब ये सारे हैं नज़र के आगे | ||
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तू भले ही है छिपा ताजमहल में अपने | तू भले ही है छिपा ताजमहल में अपने | ||
तेरे पापोश तो, प्यारे! हैं नज़र के आगे | तेरे पापोश तो, प्यारे! हैं नज़र के आगे | ||
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कौन कहता है तुझे प्यार नहीं है हमसे! | कौन कहता है तुझे प्यार नहीं है हमसे! | ||
क्यों ये रह-रहके इशारे हैं नज़र के आगे! | क्यों ये रह-रहके इशारे हैं नज़र के आगे! | ||
− | + | कभी ख़ुशबू से ये दिल उनका भी छू लेंगे | |
− | कभी | + | |
रंग तूने जो पसारे हैं नज़र के आगे | रंग तूने जो पसारे हैं नज़र के आगे | ||
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01:10, 14 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
अब कहाँ चाँद-सितारे हैं नज़र के आगे!
बस उस तरफ़ के किनारे हैं नज़र के आगे
कोई कुछ भी ही कहे हमने तो यही देखा है
ख़्वाब ही ख़्वाब ये सारे हैं नज़र के आगे
तू भले ही है छिपा ताजमहल में अपने
तेरे पापोश तो, प्यारे! हैं नज़र के आगे
कौन कहता है तुझे प्यार नहीं है हमसे!
क्यों ये रह-रहके इशारे हैं नज़र के आगे!
कभी ख़ुशबू से ये दिल उनका भी छू लेंगे
रंग तूने जो पसारे हैं नज़र के आगे