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"एक बस / प्रयाग शुक्ल" के अवतरणों में अंतर
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हम ठिठुरे फिर हमने एक बस पकड़ी । | हम ठिठुरे फिर हमने एक बस पकड़ी । | ||
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11:24, 1 जनवरी 2009 के समय का अवतरण
वहाँ ठंड थी
जहाँ हम थे
हम थे
डाले हुए ओवरकोट
ओवरकोट की जेब में हाथ
वह पूरा एक शहर था
बत्तियाँ जल चुकी थीं,
भाग रही थीं कारें
लोग
हम खड़े थे एक मकान के नीचे
चालीसवें वर्ष में
ढके हुए आसमान ने कहा
यह चालीसवाँ करोड़ों के बीच है ।
हम ठिठुरे फिर हमने एक बस पकड़ी ।