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जगाती आस
 
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बन जाती
 
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आस्था और विश्वास।
  
  

20:47, 19 जुलाई 2011 के समय का अवतरण


मन होता जब
बहुत उदास
कविता पास आ जाती
अनायास
सूझती नहीं राह
अँधेरा बहुत घना होता
कविता जलती है दिए -सी
फैलता प्रकाश
जब होता है
हारा हुआ मन
छाई होती -टूटन और थकन
कविता
जगाती आस
बन जाती
आस्था और विश्वास।