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"मिनखपणो / जितेन्द्र सोनी" के अवतरणों में अंतर
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अब क्यूं नीं मांगै | अब क्यूं नीं मांगै | ||
थारी रुखसाना | थारी रुखसाना | ||
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म्हारै घरां | म्हारै घरां | ||
तीज-तिंवार | तीज-तिंवार | ||
− | रंधियोड़ी खीर ! | + | रंधियोड़ी खीर! |
क्यूं नीं मन करै | क्यूं नीं मन करै | ||
मांग ल्ये | मांग ल्ये | ||
म्हारो रामू | म्हारो रामू | ||
− | थारी ईद री सिवइयां ! | + | थारी ईद री सिवइयां! |
अब क्यूं नीं करै | अब क्यूं नीं करै | ||
रामू अर रुखसाना री मां | रामू अर रुखसाना री मां | ||
भींत रै दोन्यूं कानी | भींत रै दोन्यूं कानी | ||
ऊभी हुय'र | ऊभी हुय'र | ||
− | घरबिद री बातां ! | + | घरबिद री बातां! |
क्यूं म्हारै घर री आरती | क्यूं म्हारै घर री आरती | ||
अर थारै घर री नमाज | अर थारै घर री नमाज | ||
− | घोळै कानां मांय सीसो ! | + | घोळै कानां मांय सीसो! |
अब कद कूद'र जावैला | अब कद कूद'र जावैला | ||
खेलण सारू | खेलण सारू | ||
रामू अर रुखसाना | रामू अर रुखसाना | ||
− | अक -दूजै रे घरां ! | + | अक -दूजै रे घरां! |
क्यूं कटग्या सलीम | क्यूं कटग्या सलीम | ||
अब आपां इता | अब आपां इता | ||
− | अक - दूजै सूं ! | + | अक - दूजै सूं! |
− | बता सलीम बता , | + | बता सलीम बता, |
आपणै घरां बिचली भींत | आपणै घरां बिचली भींत | ||
मोटी अर ऊँची हुगी | मोटी अर ऊँची हुगी | ||
का सलीम अर स्याम रो | का सलीम अर स्याम रो | ||
− | मिनखपणो छोटो ? | + | मिनखपणो छोटो? |
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11:04, 16 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
सलीम!
अब क्यूं नीं मांगै
थारी रुखसाना
भींत उपराकर
म्हारै घरां
तीज-तिंवार
रंधियोड़ी खीर!
क्यूं नीं मन करै
मांग ल्ये
म्हारो रामू
थारी ईद री सिवइयां!
अब क्यूं नीं करै
रामू अर रुखसाना री मां
भींत रै दोन्यूं कानी
ऊभी हुय'र
घरबिद री बातां!
क्यूं म्हारै घर री आरती
अर थारै घर री नमाज
घोळै कानां मांय सीसो!
अब कद कूद'र जावैला
खेलण सारू
रामू अर रुखसाना
अक -दूजै रे घरां!
क्यूं कटग्या सलीम
अब आपां इता
अक - दूजै सूं!
बता सलीम बता,
आपणै घरां बिचली भींत
मोटी अर ऊँची हुगी
का सलीम अर स्याम रो
मिनखपणो छोटो?