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"गोळी / प्रमोद कुमार शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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|संग्रह=बोली तूं सुरतां / प्रमोद कुमार शर्मा
 
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कारीगर !
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कारीगर!
 
म्हूं सगळी दुकानां अर
 
म्हूं सगळी दुकानां अर
 
कारखानां पर भटक‘र
 
कारखानां पर भटक‘र
थारै तांई आयौ हूं !
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थारै तांई आयौ हूं!
  
सुण !
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सुण!
 
तूं म्हारौ ऐक काम कर दे
 
तूं म्हारौ ऐक काम कर दे
 
ओ लै पिस्तौल
 
ओ लै पिस्तौल
 
देख इण री नाळ
 
देख इण री नाळ
 
अर नाप लेय‘र
 
अर नाप लेय‘र
बणा दे ऐक गोळी !
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बणा दे ऐक गोळी!
  
 
पण  
 
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कै इण गोळी स्यूं
 
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मरणा चाइजै
 
मरणा चाइजै
सिर्फ एक ही धरम रा लोग !
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सिर्फ एक ही धरम रा लोग!
 
अर बो धरम है  
 
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कांई हुयो कारीगर ?
 
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म्हारौ मुण्डो क्यूं तकोवै है ?
 
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कारीगर ! ओ कारीगर !
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कारीगर! ओ कारीगर!
 
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14:45, 16 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

कारीगर!
म्हूं सगळी दुकानां अर
कारखानां पर भटक‘र
थारै तांई आयौ हूं!

सुण!
तूं म्हारौ ऐक काम कर दे
ओ लै पिस्तौल
देख इण री नाळ
अर नाप लेय‘र
बणा दे ऐक गोळी!

पण
म्हारी एक सरत है
कै इण गोळी स्यूं
मरणा चाइजै
सिर्फ एक ही धरम रा लोग!
अर बो धरम है
.................

कांई हुयो कारीगर ?
म्हारौ मुण्डो क्यूं तकोवै है ?
कारीगर! ओ कारीगर!