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"चाँदनी / राधेश्याम बन्धु" के अवतरणों में अंतर
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रिश्तों की उलझन को | रिश्तों की उलझन को | ||
− | सुलझाती | + | सुलझाती चाँदनी |
चाहो तो बाँहों को | चाहो तो बाँहों को | ||
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एकाकी जीना क्या | एकाकी जीना क्या | ||
− | + | समझाती चाँदनी | |
यादों के जूड़े में | यादों के जूड़े में | ||
− | मौलश्री | + | मौलश्री टाँक दो |
मिलनों के गजरे में | मिलनों के गजरे में | ||
− | सपनो को | + | सपनो को बाँध लो |
महुआ तन छेड़-छाड़ | महुआ तन छेड़-छाड़ | ||
− | इठलाती | + | इठलाती चाँदनी |
यादों की निशिगंधा | यादों की निशिगंधा | ||
रात -रात जागती | रात -रात जागती | ||
मिलनों की एक रात | मिलनों की एक रात | ||
− | पूनम से | + | पूनम से माँगती |
+ | |||
गंधों की पाती नित | गंधों की पाती नित | ||
− | लिखवाती | + | लिखवाती चाँदनी |
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23:43, 29 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण
पिछवाड़े बेला संग
बतियाती चाँदनी
रिश्तों की उलझन को
सुलझाती चाँदनी
चाहो तो बाँहों को
हथकड़ी बना लेना
मौन के कपोलों पर
संधि -पत्र लिख देना
एकाकी जीना क्या
समझाती चाँदनी
यादों के जूड़े में
मौलश्री टाँक दो
मिलनों के गजरे में
सपनो को बाँध लो
महुआ तन छेड़-छाड़
इठलाती चाँदनी
यादों की निशिगंधा
रात -रात जागती
मिलनों की एक रात
पूनम से माँगती
गंधों की पाती नित
लिखवाती चाँदनी