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अंधेरा मेरे लिए / वेणु गोपाल
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अंधेरा मेरे लिए
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|रचनाकार=वेणु गोपाल
|संग्रह=
}}
रहती है रोशनी
लेकिन दिखता है अंधेरा
तो
अनिल जनविजय
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