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"मृत्यु-गंध / कुमार विकल" के अवतरणों में अंतर

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मृत्यु-गंध कैसी होती है
 
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यदि जानना चाहते हो
 
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तो
 
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मेरे पास आओ
 
मेरे पास आओ
 
 
बैठो
 
बैठो
 
 
थोड़ी देर में जान जाओगे
 
थोड़ी देर में जान जाओगे
 
 
मृत्यु-गंध कैसी होती है
 
मृत्यु-गंध कैसी होती है
 
 
वह एक ऎसी ख़ुश्बू है
 
वह एक ऎसी ख़ुश्बू है
 
 
जो लम्बे बालों वाली
 
जो लम्बे बालों वाली
 
 
एक औरत के ताज़ा धुले बालों से आती है
 
एक औरत के ताज़ा धुले बालों से आती है
 
 
तब आप उस औरत का नाम याद करने  
 
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लगते हैं
 
लगते हैं
 
 
लेकिन उसका कोई नाम नहीं
 
लेकिन उसका कोई नाम नहीं
 
 
वह केवल अपने बाल खोलती है
 
वह केवल अपने बाल खोलती है
 
 
और आप
 
और आप
 
 
हमेशा-हमेशा के लिए
 
हमेशा-हमेशा के लिए
 
 
उसके बालों की ख़ुश्बू में
 
उसके बालों की ख़ुश्बू में
 
 
विलीन हो जाते हैं
 
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आप उस औरत को कभी देख नहीं सकते
 
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जैसे आप मेरे पास बैठे हैं
 
जैसे आप मेरे पास बैठे हैं
 
 
और वह अपने
 
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बाल खोल रही है ।
 
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01:48, 6 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

मृत्यु-गंध कैसी होती है
यदि जानना चाहते हो
तो
मेरे पास आओ
बैठो
थोड़ी देर में जान जाओगे
मृत्यु-गंध कैसी होती है
वह एक ऎसी ख़ुश्बू है
जो लम्बे बालों वाली
एक औरत के ताज़ा धुले बालों से आती है
तब आप उस औरत का नाम याद करने
लगते हैं
लेकिन उसका कोई नाम नहीं
वह केवल अपने बाल खोलती है
और आप
हमेशा-हमेशा के लिए
उसके बालों की ख़ुश्बू में
विलीन हो जाते हैं
आप उस औरत को कभी देख नहीं सकते
जैसे आप मेरे पास बैठे हैं
और वह अपने
बाल खोल रही है ।