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छठौ फेरौ / अर्जुनदेव चारण
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07:13, 15 अक्टूबर 2013
|संग्रह=घर तौ एक नाम है भरोसै रौ / अर्जुनदेव चारण
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KKCatMoolRajasthani
KKCatRajasthaniRachna
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<Poem>
चार फेरां
राख म्हनै आगै
म्हैं
छठौ फेरौ लेवूं
</Poem>
Sharda suman
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