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"मेरी तरह / नंदकिशोर आचार्य" के अवतरणों में अंतर

 
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सूखी धरती के
 
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बहती रहती है जलधार
 
बहती रहती है जलधार
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सदा बसा रहता है
 
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अपनी स्मृतियों में
 
अपनी स्मृतियों में
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आकाश के कानों में
 
आकाश के कानों में
गूंजा ही करती सब समय
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गूँजा ही करती सब समय
 
सन्नाटों की पुकार
 
सन्नाटों की पुकार
  

14:22, 26 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण

सीने में गहरे
सूखी धरती के
बहती रहती है जलधार

सदा बसा रहता है
अपनी स्मृतियों में
उजाड़

आकाश के कानों में
गूँजा ही करती सब समय
सन्नाटों की पुकार

इन सबने क्या
मेरी तरह
किया था कभी
तुम से प्यार?

17 जनवरी 2010