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क्लासिक की तरह / अमिता प्रजापति
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हाँ, इसमें कुछ ऎसा है जो
इसे क्लासिक बनाता है
kya hai yah sab. sab bakwas hai
इसकी पंक्तियों में उतरना तो है
इक बार
फिर भी क्या है
घर में ही तो है
अभी तो दुनिया देखनी है
</poem>
Lalit Kumar
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