"प्रणव कुमार वंद्योपाध्याय / परिचय" के अवतरणों में अंतर
(''''प्रणव कुमार वंद्योपाध्याय''' ==जन्म== : 1947 जन्म स्...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (→कृतियाँ) |
||
पंक्ति 11: | पंक्ति 11: | ||
==कृतियाँ== | ==कृतियाँ== | ||
− | + | स्कूल जीवन में लिखी कविताओं का संग्रह ‘नरक की क्रान्ति में’ 1965 में प्रकाशित हुआ। तब से साहित्य की विभिन्न विधाओं में निरन्तर लिख रहे हैं। अनके बार पुरस्कृत तथा सम्मानित। वामपक्षीय युवा आन्दोलन में सक्रियता के कारण पुलिस-यातना के शिकार हुए नैनी सेण्ट्रल जेल में बन्द रहे। अर्थशास्त्र में पी-एच.डी. तक शिक्षा इलाहाबाद और दिल्ली में। देश के जाने-माने अर्थशास्त्री। दिल्ली विश्वविद्यालय में सीनियर रीडर पद पर रहने के बाद सम्प्रति इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ फारेन ट्रेड, नयी दिल्ली में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर। यूरोप, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, अफ्रीका तथा एशिया के अनेक विश्वविद्यालयों में अध्यापन, शोधकार्य और व्याख्यान। अनेक सर्जनात्मक रचनाएँ देश तथा विदेश की भाषाओं में अनूदित। पिछले दिनों ‘पेंग्विन’ से प्रकाशित अँग्रेजी उपन्यास को अन्तरराष्ट्रीय ख्याति मिली। सामाजिक-आर्थिक विषयों पर अँग्रेजी में लेखन। पेंटिंग करते हैं। कई प्रदर्शनियाँ आयोजित हुई हैं। ‘पश्यन्ती’ पत्रिका के सम्पादक भी हैं। | |
+ | कृतियाँ :- | ||
+ | |||
+ | उपन्यास :- खबर (तीन खण्डों में), गोपीगंज संवाद, आदिकाण्ड, पदातिक, अरण्यकाण्ड, अमृतपुत्र, पंचवटी। | ||
+ | |||
+ | कविता :- नरक की क्रांति में मैं (1965), मृत शिशुओं के लिए प्रार्थना (1982), काली कविताएँ(1994), मुर्दागाड़ी(1976), नक्सलबाड़ी (1980), कालपुरुष (1982), लालटेन और कवि जमाल हुसेन (1988), मेघना(1988), सपने में देश (1992)। | ||
+ | |||
+ | कथा-संग्रह :- अथवा, ईश्वर बाबू अनुपस्थित थे, बर्फ के रंग शरीर, बारूद की सृष्टिकथा, आत्मज, स्थानीय समाचार, प्रणव कुमार वंद्योपाध्याय की विशिष्ट कहानियाँ, दस प्रतिनिधि कहानियाँ :- (रक्त, फादर कासीमिदो, देबिंदर जॉन और दो हाथ, बारूद की सृष्टिकथा, असंबोधित देवदास, आत्मज, आज यहाँ अँधेरा है, वृंदावन कथा, पार, सती, सलीम कुरैशी का अंत।)। | ||
+ | |||
+ | नाटक :- फैसले का दिन। | ||
+ | |||
+ | आत्मकथा :- विदा बंधु विदा। | ||
+ | |||
+ | डायरी :- दिसम्बर 1979। | ||
+ | |||
+ | यात्रा-वृत्तांत :- बहुत दूर बहुत पास, शायद वसंत। | ||
+ | |||
+ | रिपोतार्ज : क्रिस्टोबल मिरांडा। | ||
+ | |||
+ | निबंध :- इत्यादि। | ||
+ | |||
+ | संपादन :- दलित प्रसंग, ‘भाषा, बहुभाषिता और हिंदी’। | ||
+ | |||
+ | इनके अतिरिक्त पश्यंती का संपादन और टेलीविज़न के लिए फिल्म का निर्देशन। कैनवास पर चित्रांकन भी। | ||
− | |||
==पुरस्कार== | ==पुरस्कार== | ||
==संपादन== | ==संपादन== |
10:25, 30 मई 2022 के समय का अवतरण
जन्म
- 1947
जन्म स्थान इलाहाबाद, भारत
कृतियाँ
स्कूल जीवन में लिखी कविताओं का संग्रह ‘नरक की क्रान्ति में’ 1965 में प्रकाशित हुआ। तब से साहित्य की विभिन्न विधाओं में निरन्तर लिख रहे हैं। अनके बार पुरस्कृत तथा सम्मानित। वामपक्षीय युवा आन्दोलन में सक्रियता के कारण पुलिस-यातना के शिकार हुए नैनी सेण्ट्रल जेल में बन्द रहे। अर्थशास्त्र में पी-एच.डी. तक शिक्षा इलाहाबाद और दिल्ली में। देश के जाने-माने अर्थशास्त्री। दिल्ली विश्वविद्यालय में सीनियर रीडर पद पर रहने के बाद सम्प्रति इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ फारेन ट्रेड, नयी दिल्ली में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर। यूरोप, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, अफ्रीका तथा एशिया के अनेक विश्वविद्यालयों में अध्यापन, शोधकार्य और व्याख्यान। अनेक सर्जनात्मक रचनाएँ देश तथा विदेश की भाषाओं में अनूदित। पिछले दिनों ‘पेंग्विन’ से प्रकाशित अँग्रेजी उपन्यास को अन्तरराष्ट्रीय ख्याति मिली। सामाजिक-आर्थिक विषयों पर अँग्रेजी में लेखन। पेंटिंग करते हैं। कई प्रदर्शनियाँ आयोजित हुई हैं। ‘पश्यन्ती’ पत्रिका के सम्पादक भी हैं।
कृतियाँ :-
उपन्यास :- खबर (तीन खण्डों में), गोपीगंज संवाद, आदिकाण्ड, पदातिक, अरण्यकाण्ड, अमृतपुत्र, पंचवटी।
कविता :- नरक की क्रांति में मैं (1965), मृत शिशुओं के लिए प्रार्थना (1982), काली कविताएँ(1994), मुर्दागाड़ी(1976), नक्सलबाड़ी (1980), कालपुरुष (1982), लालटेन और कवि जमाल हुसेन (1988), मेघना(1988), सपने में देश (1992)।
कथा-संग्रह :- अथवा, ईश्वर बाबू अनुपस्थित थे, बर्फ के रंग शरीर, बारूद की सृष्टिकथा, आत्मज, स्थानीय समाचार, प्रणव कुमार वंद्योपाध्याय की विशिष्ट कहानियाँ, दस प्रतिनिधि कहानियाँ :- (रक्त, फादर कासीमिदो, देबिंदर जॉन और दो हाथ, बारूद की सृष्टिकथा, असंबोधित देवदास, आत्मज, आज यहाँ अँधेरा है, वृंदावन कथा, पार, सती, सलीम कुरैशी का अंत।)।
नाटक :- फैसले का दिन।
आत्मकथा :- विदा बंधु विदा।
डायरी :- दिसम्बर 1979।
यात्रा-वृत्तांत :- बहुत दूर बहुत पास, शायद वसंत।
रिपोतार्ज : क्रिस्टोबल मिरांडा।
निबंध :- इत्यादि।
संपादन :- दलित प्रसंग, ‘भाषा, बहुभाषिता और हिंदी’।
इनके अतिरिक्त पश्यंती का संपादन और टेलीविज़न के लिए फिल्म का निर्देशन। कैनवास पर चित्रांकन भी।
पुरस्कार
संपादन
हिन्दी की प्रसिद्ध साहित्यिक पत्रिका 'पश्यन्ती' के संस्थापक-सम्पादक
अनुवाद
सम्पर्क
निवेदन
यदि आपके पास अन्य विवरण् उपलब्ध है तो कृपया कविता कोश टीम को भेजें