Last modified on 16 सितम्बर 2012, at 18:17

"आमार शोनार बांग्ला / रवीन्द्रनाथ ठाकुर" के अवतरणों में अंतर

('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= रवीन्द्रनाथ ठाकुर }} [[Category:राष्ट्र...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
}}
 
}}
 
[[Category:राष्ट्रगान]]
 
[[Category:राष्ट्रगान]]
 +
{{KKCatKavita‎}}
 +
[[Category:बांगला]]
 
<poem>
 
<poem>
 
आमार शोनार बांग्ला
 
आमार शोनार बांग्ला
 
आमार शोनार बांग्ला,
 
आमार शोनार बांग्ला,
 
आमि तोमाए भालोबाशी.
 
आमि तोमाए भालोबाशी.
 
(हिन्दी अनुवाद:
 
मेरा प्रिय बंगाल
 
मेरा सोने जैसा बंगाल,
 
मैं तुमसे प्यार करता हूँ.)
 
  
 
चिरोदिन तोमार आकाश,
 
चिरोदिन तोमार आकाश,
 
तोमार बताश,
 
तोमार बताश,
 
अमार प्राने बजाए बाशी.
 
अमार प्राने बजाए बाशी.
 
(सदैव तुम्हारा आकाश,
 
तुम्हारी वायु
 
मेरे प्राणों में बाँसुरी सी बजाती है.)
 
  
 
ओ माँ,
 
ओ माँ,
पंक्ति 29: पंक्ति 22:
 
ओघ्राने तोर भोरा खेते
 
ओघ्राने तोर भोरा खेते
 
अमी कि देखेछी मोधुर हाशी.
 
अमी कि देखेछी मोधुर हाशी.
 
(हिन्दी अनुवाद:
 
ओ माँ,
 
वसंत में आम्रकुंज से आती सुगंध
 
मुझे खुशी से पागल करती है,
 
वाह, क्या आनंद!
 
ओ माँ,
 
आषाढ़ में पूरी तरह से फूले धान के खेत,
 
मैने मधुर मुस्कान को फैलते देखा है.)
 
  
 
की शोभा, की छाया गो,
 
की शोभा, की छाया गो,
पंक्ति 44: पंक्ति 28:
 
बोतेर मूले,
 
बोतेर मूले,
 
नोदिर कूले कूले!
 
नोदिर कूले कूले!
 
(हिन्दी अनुवाद:
 
क्या शोभा, क्या छाया,
 
क्या स्नेह, क्या माया!
 
क्या आँचल बिछाया है
 
बरगद तले
 
नदी किनारे किनारे!)
 
  
 
माँ, तोर मुखेर बानी
 
माँ, तोर मुखेर बानी
पंक्ति 58: पंक्ति 35:
 
माँ, तोर बोदोनखानी मोलीन होले,
 
माँ, तोर बोदोनखानी मोलीन होले,
 
आमि नोयन जोले भाशी.
 
आमि नोयन जोले भाशी.
 +
 +
'''(हिन्दी अनुवाद):'''
 +
मेरा प्रिय बंगाल
 +
मेरा सोने जैसा बंगाल,
 +
मैं तुमसे प्यार करता हूँ.
 +
 +
सदैव तुम्हारा आकाश,
 +
तुम्हारी वायु
 +
मेरे प्राणों में बाँसुरी सी बजाती है.
 +
 +
ओ माँ,
 +
वसंत में आम्रकुंज से आती सुगंध
 +
मुझे खुशी से पागल करती है,
 +
वाह, क्या आनंद!
 +
ओ माँ,
 +
आषाढ़ में पूरी तरह से फूले धान के खेत,
 +
मैने मधुर मुस्कान को फैलते देखा है.
 +
 +
क्या शोभा, क्या छाया,
 +
क्या स्नेह, क्या माया!
 +
क्या आँचल बिछाया है
 +
बरगद तले
 +
नदी किनारे किनारे!
 
 
(हिन्दी अनुवाद:
 
 
माँ, तेरे मुख की वाणी,
 
माँ, तेरे मुख की वाणी,
 
मेरे कानो को,
 
मेरे कानो को,
पंक्ति 65: पंक्ति 64:
 
वाह, क्या आनंद!
 
वाह, क्या आनंद!
 
मेरी माँ, यदि उदासी तुम्हारे चेहरे पर आती है,
 
मेरी माँ, यदि उदासी तुम्हारे चेहरे पर आती है,
मेरे नयन भी आँसुओं से भर आते हैं.)
+
मेरे नयन भी आँसुओं से भर आते हैं.
 
</poem>
 
</poem>

18:17, 16 सितम्बर 2012 के समय का अवतरण

आमार शोनार बांग्ला
आमार शोनार बांग्ला,
आमि तोमाए भालोबाशी.

चिरोदिन तोमार आकाश,
तोमार बताश,
अमार प्राने बजाए बाशी.

ओ माँ,
फागुने तोर अमेर बोने
घ्राने पागल कोरे,
मोरी हए, हए रे,
ओ माँ,
ओघ्राने तोर भोरा खेते
अमी कि देखेछी मोधुर हाशी.

की शोभा, की छाया गो,
की स्नेहो, की माया गो,
की अचोल बिछाइछो,
बोतेर मूले,
नोदिर कूले कूले!

माँ, तोर मुखेर बानी
आमार काने लागे,
शुधार मोतो,
मोरी हए, हए रे,
माँ, तोर बोदोनखानी मोलीन होले,
आमि नोयन जोले भाशी.

(हिन्दी अनुवाद):
मेरा प्रिय बंगाल
मेरा सोने जैसा बंगाल,
मैं तुमसे प्यार करता हूँ.

सदैव तुम्हारा आकाश,
तुम्हारी वायु
मेरे प्राणों में बाँसुरी सी बजाती है.

ओ माँ,
वसंत में आम्रकुंज से आती सुगंध
मुझे खुशी से पागल करती है,
वाह, क्या आनंद!
ओ माँ,
आषाढ़ में पूरी तरह से फूले धान के खेत,
मैने मधुर मुस्कान को फैलते देखा है.

क्या शोभा, क्या छाया,
क्या स्नेह, क्या माया!
क्या आँचल बिछाया है
बरगद तले
नदी किनारे किनारे!

माँ, तेरे मुख की वाणी,
मेरे कानो को,
अमृत लगती है,
वाह, क्या आनंद!
मेरी माँ, यदि उदासी तुम्हारे चेहरे पर आती है,
मेरे नयन भी आँसुओं से भर आते हैं.