"कुछ शेर-1 / अर्श मलसियानी" के अवतरणों में अंतर
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21:35, 22 मार्च 2012 के समय का अवतरण
(1)
जिन्दगी कशमकशे-1इश्क के आगाज2 का नाम,
मौत अंजाम है इसी दर्द के अफसाने का।
(2)
जिस गम से दिल को राहत हो, उस गम का मुदावा3 क्या मानी?
जब फितरत4 तूफानी ठहरी, साहिल5 की तमन्ना क्या मानी?
(3)
तसन्नो6 की फुसूंकारी7 का कुछ ऐसा असर देखा,
कि यह दुनिया मुझे दुनियानुमां मालूम होती हैं।
(4)
न आने दिया राह पर रहबरों ने,
किये लाख मंजिल ने हमको इशारे।
(5)
किसका कुर्ब8,कहाँ की दूरी, अपने आप में गाफिल9 हैं,
राज अगर पाने का पूछो, खो जाना ही पाना है।
1. कशमकश - (i) खींचातानी, आपाधापी (ii) असमंजस, संकोच, दुविधा, पसोपेश (iii) संघर्ष, लड़ाई (iv) दौड़-धूप 2. आगाज - आरम्भ, शुरूआत 3.मुदावा - दवा, इलाज 4. फितरत - आदत, स्वभाव 5. साहिल - किनारा, तट 6.तसन्नो- (i) बनावट, कृत्रिमता (ii) दिखावा, जाहिरदारी (iii) चापलूसी, चाटुकारिता 7. फुसूंकारी - जादूगरी, माया, तिलिस्म 8.कुर्ब - समीपता, नजदीकी, निकटता 9गाफिल - (i) संज्ञाहीन, बेहोश (ii) असावधान, बेखबर (iii) आलसी, काहिल