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यादें-2 / सुधा गुप्ता
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6 दिसम्बर
भोला शैशव ।
33
रात
ढूँढ़ती
ढूँढती
चाँद में बैठी नानी
काते थी चर्खा
40
बरसों बाद
घघरू
घुंघरू
-सी छनकी
तुम्हारी याद ।
41
वीरबाला
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