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मधुकर! स्याम हमारे चोर। | मधुकर! स्याम हमारे चोर। | ||
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मन हरि लियो सांवरी सूरत¸ चितै नयन की कोर।। | मन हरि लियो सांवरी सूरत¸ चितै नयन की कोर।। | ||
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पकरयो तेहि हिरदय उर–अंतर प्रेम–प्रीत के जोर। | पकरयो तेहि हिरदय उर–अंतर प्रेम–प्रीत के जोर। | ||
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गए छुड़ाय छोरि सब बंधन दे गए हंसनि अंकोर।। | गए छुड़ाय छोरि सब बंधन दे गए हंसनि अंकोर।। | ||
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सोबत तें हम उचकी परी हैं दूत मिल्यो मोहिं भोर। | सोबत तें हम उचकी परी हैं दूत मिल्यो मोहिं भोर। | ||
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सूर¸ स्याम मुसकाहि मेरो सर्वस सै गए नंद किसोर।। | सूर¸ स्याम मुसकाहि मेरो सर्वस सै गए नंद किसोर।। | ||
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16:49, 23 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
मधुकर! स्याम हमारे चोर।
मन हरि लियो सांवरी सूरत¸ चितै नयन की कोर।।
पकरयो तेहि हिरदय उर–अंतर प्रेम–प्रीत के जोर।
गए छुड़ाय छोरि सब बंधन दे गए हंसनि अंकोर।।
सोबत तें हम उचकी परी हैं दूत मिल्यो मोहिं भोर।
सूर¸ स्याम मुसकाहि मेरो सर्वस सै गए नंद किसोर।।