भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"श्री गणेश वंदना/ भजन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('सबसे पहल्या थाने मनावा , लम्बोदर महाराज पधारो कीर्...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
|||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
रणत भवन से आयो थे, रिद्धि सिद्धि संग में लाओ , | रणत भवन से आयो थे, रिद्धि सिद्धि संग में लाओ , | ||
− | भजन में | + | भजन में रम जावो थे, सारा काम बनाओ थे , |
विघ्न निवारण आप गजानंद , देवों का सरताज , | विघ्न निवारण आप गजानंद , देवों का सरताज , |
22:04, 10 जुलाई 2012 के समय का अवतरण
सबसे पहल्या थाने मनावा , लम्बोदर महाराज
पधारो कीर्तन में ||
रणत भवन से आयो थे, रिद्धि सिद्धि संग में लाओ ,
भजन में रम जावो थे, सारा काम बनाओ थे ,
विघ्न निवारण आप गजानंद , देवों का सरताज ,
पधारो कीर्तन में ||
दुंद दुन्दाला दुःख हरता थे , थारी महिमा भारी,
मंगल के दाता प्रभुजी, नाम थारो शुभकारी है,
रुनक झुनक थे आवो विनायक , आन संभालो आज,
पधारो कीर्तन में ||
भक्ता बीच पधारो थे, थारा लाड लडावागा,
आदर सहित बिठावागा, चरना धौक लगावागा,
शुभ और लाभ की देने वाले, अरज करो मंजूर,
पधारो कीर्तन में ||
आश भगत ने थारी है .... थारी ...............