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"सूरा एक न आँखिए / नानकदेव" के अवतरणों में अंतर

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सूरा  सोई  ‘नानका’  जो मरूण  हुकुम रजाए
  
सूरा एक न आँखिए , जो लड़नि दला में जांय .
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हिरदे जिनके हरि बसे, ते जन कहियहि सूर
सूरा सोई ‘नानका’  जो मरूण हुकुम रजाए .
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कही न जाई ‘नानका’  पूरि रह्यौ भरपूर
  
हिरदे जिनके हरि बसे , ते जन कहियहि सूर .
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मन की दुबिधा ना मिटे, भक्ति कहाँ के होय  
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मन की दुबिधा ना मिटे , भक्ति कहाँ के होय .
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कउडी बदले ‘नानका’, जन्म चल्या नर खोय .
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18:50, 29 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण

सूरा एक न आँखिए , जो लड़नि दला में जांय
सूरा सोई ‘नानका’ जो मरूण हुकुम रजाए

हिरदे जिनके हरि बसे, ते जन कहियहि सूर
कही न जाई ‘नानका’ पूरि रह्यौ भरपूर

मन की दुबिधा ना मिटे, भक्ति कहाँ के होय
कउड़ी बदले 'नानका', जन्म चल्या नर खोय