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− | जटा जूट वारे, गल मुण्ड माल धारे, लिपटे सर्प कारे, जाके नंदिगण दुवारे हैं | | + | जटा जूट वारे, गल मुण्ड माल धारे, |
− | ऋषि मुनि संतन के, सदा शिव सहायक सत्य, गणपति से ज्ञानी और गिरिजा के प्यारे हैं | | + | लिपटे सर्प कारे, जाके नंदिगण दुवारे हैं | |
− | दानी हैं दयाल हैं,दाता वे विधाता हैं,भक्तन की त्रिविधताप दुःख सकल टारे हैं | | + | ऋषि मुनि संतन के, सदा शिव सहायक सत्य, |
− | कहता शिवदीनराम, राम नाम शिव-शिव रट,कछु नाहीं भेद वेद चार यूँ उचारे हैं | | + | गणपति से ज्ञानी और गिरिजा के प्यारे हैं | |
+ | दानी हैं दयाल हैं,दाता वे विधाता हैं, | ||
+ | भक्तन की त्रिविधताप दुःख सकल टारे हैं | | ||
+ | कहता शिवदीनराम,राम नाम शिव-शिव रट, | ||
+ | कछु नाहीं भेद वेद चार यूँ उचारे हैं | | ||
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11:45, 15 दिसम्बर 2012 के समय का अवतरण
जटा जूट वारे, गल मुण्ड माल धारे,
लिपटे सर्प कारे, जाके नंदिगण दुवारे हैं |
ऋषि मुनि संतन के, सदा शिव सहायक सत्य,
गणपति से ज्ञानी और गिरिजा के प्यारे हैं |
दानी हैं दयाल हैं,दाता वे विधाता हैं,
भक्तन की त्रिविधताप दुःख सकल टारे हैं |
कहता शिवदीनराम,राम नाम शिव-शिव रट,
कछु नाहीं भेद वेद चार यूँ उचारे हैं |