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"पागल आंखों वाली लड़की / मोहसिन नक़वी" के अवतरणों में अंतर
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ख़्वाब... ख़यालों का पछतावा | ख़्वाब... ख़यालों का पछतावा | ||
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मँहगे ख़्वाब खरीदना हों तो | मँहगे ख़्वाब खरीदना हों तो | ||
आँखें बेचना पड़ती हैं | आँखें बेचना पड़ती हैं | ||
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ख़्वाबों की ओट सराब ना देखो | ख़्वाबों की ओट सराब ना देखो | ||
प्यास ना देखो | प्यास ना देखो | ||
− | इतने | + | इतने मँहगे ख़्वाब ना देखो |
थक जाओगी | थक जाओगी |
10:17, 23 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण
पागल आँखों वाली लड़की
इतने मँहगे ख़्वाब ना देखो
थक जाओगी
कांच से नाज़ुक ख़्वाब तुम्हारे
टूट गए तो पछताओगी
तुम क्या जानो...!
ख़्वाब... सफ़र की धूप के तीशे
ख़्वाब... अधोरी रात का दोज़ख़
ख़्वाब... ख़यालों का पछतावा
ख़्वाबों का हासिल तन्हाई
मँहगे ख़्वाब खरीदना हों तो
आँखें बेचना पड़ती हैं
रिश्ते भूलना पड़ते हैं
अंदेशों की रेत ना फानको
ख़्वाबों की ओट सराब ना देखो
प्यास ना देखो
इतने मँहगे ख़्वाब ना देखो
थक जाओगी