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"महेन्द्र भटनागर / परिचय" के अवतरणों में अंतर

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उत्कृष्ट काव्य-संवेदना-समन्वित द्वि- भाषिक कवि : हिंदी और अंग्रेज़ी। सन् 1941 से काव्य-रचना आरम्भ | ‘विशाल भारत’, कोलकता [मार्च1944] में प्रथम कविता का प्रकाशन । लगभग छ्ह- वर्ष की काव्य- रचना का परिप्रेक्ष्य स्वतंत्रता- पूर्व भारत; शेष स्वातंत्र्योत्तर । सामाजिक-राजनीतिक-राष्ट्रीय चेतना- सम्पन्न रचनाकार । लब्ध-प्रतिष्ठ  नवप्रगतिवादी- जनवादी कवि अन्य प्रमुख काव्य- विषय : प्रेम, प्रकृति,जीवन-दर्शन । दर्द की गहन अनुभूतियों के समान्तर जीवन और जगत के प्रति आस्थावान कवि । अदम्य जिजीविषा एवं आशा-विश्वास के अद्भुत- अकम्प स्वरों के सर्जक ।
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|रचनाकार=महेन्द्र भटनागर
जन्म : 26 जून 1926 / झाँसी (. प्र.)
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शिक्षा : एम. . (1948), पी-एच. डी. (1957) नागपुर विश्वविद्यालय से ।
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२६ जून १९२६ को प्रातः ६ बजे झाँसी (उ. प्र.) में, ननसार में, जन्म। प्रारम्भिक शिक्षा झाँसी, मुरार (ग्वालियर), सबलगढ़ (मुरैना) में। शासकीय विद्यालय, मुरार (ग्वालियर) से मैट्रिक (सन्१९४१), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर (सत्र ४१-४२) और माधव महाविद्यालय, उज्जैन (सत्र्४२-४३) से इंटरमीडिएट (सन्१९४३), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर से बी. ए. (सन्१९४५), नागपुर विश्वविद्यालय से सन्१९४८ में एम. ए. (हिन्दी) और सन्१९५७ में 'समस्यामूलक उपन्यासकार प्रेमचंद' विषय पर पी-एच. डी.। जुलाई १९४५ से अध्यापन-कार्य — उज्जैन, देवास, धार, दतिया, इंदौर, ग्वालियर, महू, मंदसौर में। 'कमलाराजा कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ग्वालियर (जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर) से १ जुलाई १९८४ को प्रोफ़ेसर-अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त।
कार्य : कमलाराजा कन्या स्नातकोत्तरमहाविद्यालय / जीवाजी विश्वविद्यालयग्वालियर से प्रोफ़ेसर- अध्यक्ष पद से सेवा-निवृत्त ।
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सम्प्रति: शोध-निर्देशक— हिंदी भाषा एवं साहित्य ।
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कार्यक्षेत्र : चम्बल-अंचल, मालवा, बुंदेलखंड।
कार्यक्षेत्र : चम्बल-अंचल, मालवांचल, बुंदेलखंड ।
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प्रकाशन : ‘डा. महेंद्रभटनागर - समग्र’ छ्ह खंडों में उपलब्ध । प्रकाशितकाव्य-कृतियाँ 20.
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अधिकांश साहित्य 'महेंद्रभटनागर-समग्र' के छह-खंडों में एवं काव्य-सृष्टि 'महेंद्रभटनागर की कविता-गंगा' के तीन खंडों में प्रकाशित।
अनुवाद : कविताएँ   अंग्रेज़ी, फ्रेंच, चेक एवं अधिकांश भारतीय भाषाओं में अनूदित व पुस्तकाकार प्रकाशित ।
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सम्पर्क : 110 बलवंतनगर, गांधी रोड, ग्वालियर — 474 002 (.प्र.)
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सम्पर्क : डा. महेंद्रभटनागर, सर्जना-भवन, ११० बलवन्तनगर, गांधी रोड, ग्वालियर — ४७४ ००२ [म. प्र.]
फ़ोन : 0751-4092908
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फ़ोन : ०७५१-४०९२९०८ /  मो. ९८ ९३४ ०९७९३
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E-Mail : drmahendra02@gmail.com; drmahendrabh@rediffmail.com
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द्वि-भाषिक कवि — हिन्दी और अंग्रेज़ी।
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सन् १९४१ के लगभग अंत से काव्य-रचना आरम्भ। तब पन्द्रह वर्षीय महेन्द्र भटनागर 'विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर' में इंटरमीडिएट (प्रथम वर्ष) के छात्र थे। सम्भवतः उनकी पहली कविता 'सुख-दुख' है; जो उनके कालेज की वार्षिक पत्रिका 'विक्टोरिया कॉलेज मेगज़ीन' के किसी अंक में छपी थी। वस्तुतः प्रथम प्रकाशित कविता 'हुंकार' है; जो 'विशाल भारत' (कलकत्ता) के मार्च १९४४ के अंक में प्रकाशित हुई।
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लगभग छह वर्ष की काव्य-रचना का परिप्रेक्ष्य स्वतंत्रता-पूर्व भारत; शेष स्वातंत्र्योत्तर।
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हिन्दी की तत्कालीन तीनों काव्य-धाराओं से सम्पृक्त — राष्ट्रीय काव्य-धारा, उत्तर छायावादी गीति-काव्य, प्रगतिवादी कविता।
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समाजार्थिक-राष्ट्रीय-राजनीतिक चेतना-सम्पन्न रचनाकार।
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सन् १९४६ से प्रगतिवादी काव्यान्दोलन से सक्रिय रूप से सम्बद्ध। 'हंस' (बनारस/इलाहाबाद) में कविताओं का प्रकाशन। तदुपरान्त अन्य जनवादी-वाम पत्रिकाओं में भी। प्रगतिशील हिन्दी कविता के द्वितीय उत्थान के चर्चित हस्ताक्षर।
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सन् १९४९ से काव्य-कृतियों का क्रमशः प्रकाशन।
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प्रगतिशील मानवतावादी कवि के रूप में प्रतिष्ठित। समाजार्थिक यथार्थ के अतिरिक्त अन्य प्रमुख काव्य-विषय रहे— प्रेम, प्रकृति, जीवन-दर्शन। दर्द की गहन अनुभूतियों के समान्तर जीवन और जगत के प्रति आस्थावान कवि। अदम्य जिजीविषा एवं आशा-विश्वास के अद्भुत-अकम्प स्वरों के सर्जक।
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काव्य-शिल्प के प्रति विशेष रूप से जागरूक।
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छंदबद्ध और मुक्त-छंद दोनों में काव्य-सॄष्टि। छंद-मुक्त गद्यात्मक कविता अत्यल्प। मुक्त-छंद की रचनाएँ भी मात्रिक छंदों से अनुशासित।
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काव्य-भाषा में तत्सम शब्दों के अतिरिक्त तद्भव व देशज शब्दों एवं अरबी-फ़ारसी (उर्दू), अंग्रेज़ी आदि के प्रचलित शब्दों का प्रचुर प्रयोग।
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सर्वत्र प्रांजल अभिव्यक्ति। लक्षणा-व्यंजना भी दुरूह नहीं। सहज काव्य के पुरस्कर्ता। सीमित प्रसंग-गर्भत्व।
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विचारों-भावों को प्रधानता। कविता की अन्तर्वस्तु के प्रति सजग।
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'महेंद्रभटनागर की कविता-गंगा'
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खंड :
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१ तारों के गीत
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२ विहान
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३ अन्तराल
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४ अभियान
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५ बदलता युग
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६ टूटती शृंखलाएँ
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खंड : २
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७ नयी चेतना
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८ मधुरिमा
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९ जिजीविषा
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१० संतरण
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११ संवर्त
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खंड : ३
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१२ संकल्प
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१३ जूझते हुए
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१४ जीने के लिए
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१५ आहत युग
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१६ अनुभूत-क्षण
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१७ मृत्यु-बोध : जीवन-बोध
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१८ राग-संवेदन
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प्रतिनिधि संकलन
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१९ गीति-संगीति [प्रतिनिधि गेय गीत]
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२० महेंद्रभटनागर की कविता-यात्रा [प्रतिनिधि कविताएँ]
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मूल्यांकन  / शोध
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[१] महेंद्रभटनागर की काव्य-संवेदना :अन्तःअनुशासनीय आकलन --डा. वीरेंद्र सिंह (जयपुर)
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[२] कवि महेंद्रभटनागर का रचना-कर्म
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डा. किरणशंकर प्रसाद (दरभंगा)
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[३] डा. महेंद्रभटनागर की काव्य-साधना
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ममता मिश्रा (स्व.)
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[४] महेंद्रभटनागर की कविता : परख और पहचान
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सं. डा. पाण्डेय शशिभूषण 'शीतांशु' (अमृतसर)
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[५] डा. महेंद्रभटनागर की काव्य-सृष्टि
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सं. डा. रामसजन पाण्डेय (रोहतक)  
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[६] डा. महेंद्रभटनागर का कवि व्यक्तित्व
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सं. डा. रवि रंजन (हैदराबाद)
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[७] सामाजिक चेतना के शिल्पी : कवि महेंद्रभटनागर
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सं. डा. हरिचरण शर्मा (जयपुर)
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[८] कवि महेंद्रभटनागर का रचना-संसार
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सं. डा. विनयमोहन शर्मा (स्व.)
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[९] कवि महेंद्रभटनागर : सृजन और मूल्यांकन
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डा. दुर्गाप्रसाद झाला (शाजापुर)
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[१०] महेंद्रभटनागर की सर्जनशीलता (शोध / नागपुर वि.)
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डा. विनीता मानेकर (तिरोड़ा-भंडारा / महाराष्ट्र)
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[११] प्रगतिवादी कवि महेंद्रभटनागर : अनुभूति और अभिव्यक्ति /(शोध / जीवाजी वि., ग्वालियर)
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डा. माधुरी शुक्ला (स्व.)
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[१२] महेंद्रभटनागर के काव्य का वैचारिक एवं संवेदनात्मक धरातल (शोध / सम्बलपुर वि., उड़ीसा)
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डा. रजत कुमार षड़ंगी (कोरापुट-उडी़सा)
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[१३] डा. महेंद्रभटनागर : व्यक्तित्व और कृतित्व (शोध / कर्नाटक वि.)
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डा. मंगलोर अब्दुलरज़ाक बाबुसाब (गदग-कर्नाटक)
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[१४] डा. महेंद्रभटनागर के काव्य का नव-स्वछंदतावादी मूल्यांकन ( दयालबाग डीम्ड वि., आगरा)
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डा. कविता शर्मा (आगरा)
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[१५] डा. महेंद्रभटनागर के काव्य में सांस्कृतिक चेतना
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(शोध / कानपुर वि.)
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डा. अलका रानी (कन्नौज)
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[१६] महेंद्रभटनागर के काव्य में युग-बोध
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(शोध / ललितनारायण वि., दरभंगा)
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डा. मीना गामी (दरभंगा)
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CRITICAL  STUDY  OF  MAHENDRA  BHATNAGAR'S POETRY
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[1]The Poetry  of Mahendra Bhatnagar :
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Realistic & Visionary Aspects
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Ed. Dr. O.P. Budholia
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[2]Living Through Challenges :
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A Study of Dr.Mahendra Bhatnagar's Poetry
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By Dr. B.C. Dwivedy.
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[3] Poet Dr. Mahendra Bhatnagar : 
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His Mind And Art / (In Eng. & French)
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Ed. Dr. S.C. Dwivedi & Dr. Shubha Dwivedi
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Works :
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[1] Forty Poems of  Mahendra Bhatnagar
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[2] After The Forty Poems
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[3] Exuberance and other poems
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[4] Dr. Mahendra Bhatnagar's Poetry
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[5] Death-Perception : Life-Perception 
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[6] Poems : For A Better World
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[7] Passion and Compassion 
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[8] Lyric-Lute
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[9] A Handful  of  Light 
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[10]Dawn to Dusk
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[11]A Few Later Poems Of Mahendra Bhatnagar
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Translations :
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A Modern Indian Poet :
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Dr. Mahendra  Bhatnagar :
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UN POÈTE   INDIEN  ET MODERNE /
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Tr. Mrs. Purnima Ray
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In Tamil :
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Kaalan Maarum,  
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Mahendra Bhatnagarin Kavithaigal.
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In Telugu : Deepanni Veliginchu.
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In Kannad & In Bangla : 
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Mrityu-Bodh : Jeewan-Bodh.
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In Marathi : Samkalp Aaani Anaya Kavita
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In Oriya : Kala-Sadhna.
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In Malyalam, Gujrati, Manipuri, Urdu.
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In Czech, Japanese, Nepali, 
 +
 
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Links :
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HINDI
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www.blogbud.com/author 5652
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ENGLISH-FRENCH
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www.poetrypoem.com/mpb1
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ENGLISH
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(1) www.poetrypoem.com/mpb2
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[Selected Poems 1,2,3]
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(2) www.poetrypoem.com/mpb4
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[‘Exuberance and other poems’ /
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‘Poems : For A Better World /
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Passion and Compassion]
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(3) www.poetrypoem.com/mpb3
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[‘Death-Perception : Life-Perception’ /
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‘A Handful Of Light’]
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(4) www.poetrypoem.com/mpb
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[‘Lyric-Lute’]
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(5)www.anindianenglishpoet.blogspot.com
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[‘…A Study Of Dr. Mahendra Bhatnagar’s Poetry’]
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(6)www.mahendrabhatnagar.blogspot.com
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[ Critics & Mahendra Bhatnagar’s Poetry]
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प्रस्तुति : डा. शालीन कुमार सिंह, बदायूँ [उ.प्र.]

21:38, 25 जून 2020 के समय का अवतरण

२६ जून १९२६ को प्रातः ६ बजे झाँसी (उ. प्र.) में, ननसार में, जन्म। प्रारम्भिक शिक्षा झाँसी, मुरार (ग्वालियर), सबलगढ़ (मुरैना) में। शासकीय विद्यालय, मुरार (ग्वालियर) से मैट्रिक (सन्१९४१), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर (सत्र ४१-४२) और माधव महाविद्यालय, उज्जैन (सत्र्४२-४३) से इंटरमीडिएट (सन्१९४३), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर से बी. ए. (सन्१९४५), नागपुर विश्वविद्यालय से सन्१९४८ में एम. ए. (हिन्दी) और सन्१९५७ में 'समस्यामूलक उपन्यासकार प्रेमचंद' विषय पर पी-एच. डी.। जुलाई १९४५ से अध्यापन-कार्य — उज्जैन, देवास, धार, दतिया, इंदौर, ग्वालियर, महू, मंदसौर में। 'कमलाराजा कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ग्वालियर (जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर) से १ जुलाई १९८४ को प्रोफ़ेसर-अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त।

कार्यक्षेत्र : चम्बल-अंचल, मालवा, बुंदेलखंड।

अधिकांश साहित्य 'महेंद्रभटनागर-समग्र' के छह-खंडों में एवं काव्य-सृष्टि 'महेंद्रभटनागर की कविता-गंगा' के तीन खंडों में प्रकाशित।

सम्पर्क : डा. महेंद्रभटनागर, सर्जना-भवन, ११० बलवन्तनगर, गांधी रोड, ग्वालियर — ४७४ ००२ [म. प्र.] फ़ोन : ०७५१-४०९२९०८ / मो. ९८ ९३४ ०९७९३ E-Mail : drmahendra02@gmail.com; drmahendrabh@rediffmail.com

द्वि-भाषिक कवि — हिन्दी और अंग्रेज़ी।

सन् १९४१ के लगभग अंत से काव्य-रचना आरम्भ। तब पन्द्रह वर्षीय महेन्द्र भटनागर 'विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर' में इंटरमीडिएट (प्रथम वर्ष) के छात्र थे। सम्भवतः उनकी पहली कविता 'सुख-दुख' है; जो उनके कालेज की वार्षिक पत्रिका 'विक्टोरिया कॉलेज मेगज़ीन' के किसी अंक में छपी थी। वस्तुतः प्रथम प्रकाशित कविता 'हुंकार' है; जो 'विशाल भारत' (कलकत्ता) के मार्च १९४४ के अंक में प्रकाशित हुई।

लगभग छह वर्ष की काव्य-रचना का परिप्रेक्ष्य स्वतंत्रता-पूर्व भारत; शेष स्वातंत्र्योत्तर।

हिन्दी की तत्कालीन तीनों काव्य-धाराओं से सम्पृक्त — राष्ट्रीय काव्य-धारा, उत्तर छायावादी गीति-काव्य, प्रगतिवादी कविता।

समाजार्थिक-राष्ट्रीय-राजनीतिक चेतना-सम्पन्न रचनाकार।

सन् १९४६ से प्रगतिवादी काव्यान्दोलन से सक्रिय रूप से सम्बद्ध। 'हंस' (बनारस/इलाहाबाद) में कविताओं का प्रकाशन। तदुपरान्त अन्य जनवादी-वाम पत्रिकाओं में भी। प्रगतिशील हिन्दी कविता के द्वितीय उत्थान के चर्चित हस्ताक्षर।

सन् १९४९ से काव्य-कृतियों का क्रमशः प्रकाशन।

प्रगतिशील मानवतावादी कवि के रूप में प्रतिष्ठित। समाजार्थिक यथार्थ के अतिरिक्त अन्य प्रमुख काव्य-विषय रहे— प्रेम, प्रकृति, जीवन-दर्शन। दर्द की गहन अनुभूतियों के समान्तर जीवन और जगत के प्रति आस्थावान कवि। अदम्य जिजीविषा एवं आशा-विश्वास के अद्भुत-अकम्प स्वरों के सर्जक।

काव्य-शिल्प के प्रति विशेष रूप से जागरूक।

छंदबद्ध और मुक्त-छंद दोनों में काव्य-सॄष्टि। छंद-मुक्त गद्यात्मक कविता अत्यल्प। मुक्त-छंद की रचनाएँ भी मात्रिक छंदों से अनुशासित।

काव्य-भाषा में तत्सम शब्दों के अतिरिक्त तद्भव व देशज शब्दों एवं अरबी-फ़ारसी (उर्दू), अंग्रेज़ी आदि के प्रचलित शब्दों का प्रचुर प्रयोग।

सर्वत्र प्रांजल अभिव्यक्ति। लक्षणा-व्यंजना भी दुरूह नहीं। सहज काव्य के पुरस्कर्ता। सीमित प्रसंग-गर्भत्व। विचारों-भावों को प्रधानता। कविता की अन्तर्वस्तु के प्रति सजग।

'महेंद्रभटनागर की कविता-गंगा'

खंड : १

१ तारों के गीत २ विहान ३ अन्तराल ४ अभियान ५ बदलता युग ६ टूटती शृंखलाएँ

खंड : २

७ नयी चेतना ८ मधुरिमा ९ जिजीविषा १० संतरण ११ संवर्त

खंड : ३

१२ संकल्प १३ जूझते हुए १४ जीने के लिए १५ आहत युग १६ अनुभूत-क्षण १७ मृत्यु-बोध : जीवन-बोध १८ राग-संवेदन

प्रतिनिधि संकलन

१९ गीति-संगीति [प्रतिनिधि गेय गीत] २० महेंद्रभटनागर की कविता-यात्रा [प्रतिनिधि कविताएँ]

मूल्यांकन / शोध

[१] महेंद्रभटनागर की काव्य-संवेदना :अन्तःअनुशासनीय आकलन --डा. वीरेंद्र सिंह (जयपुर)

[२] कवि महेंद्रभटनागर का रचना-कर्म डा. किरणशंकर प्रसाद (दरभंगा)

[३] डा. महेंद्रभटनागर की काव्य-साधना ममता मिश्रा (स्व.)

[४] महेंद्रभटनागर की कविता : परख और पहचान सं. डा. पाण्डेय शशिभूषण 'शीतांशु' (अमृतसर)

[५] डा. महेंद्रभटनागर की काव्य-सृष्टि सं. डा. रामसजन पाण्डेय (रोहतक)

[६] डा. महेंद्रभटनागर का कवि व्यक्तित्व सं. डा. रवि रंजन (हैदराबाद)

[७] सामाजिक चेतना के शिल्पी : कवि महेंद्रभटनागर सं. डा. हरिचरण शर्मा (जयपुर)

[८] कवि महेंद्रभटनागर का रचना-संसार सं. डा. विनयमोहन शर्मा (स्व.)

[९] कवि महेंद्रभटनागर : सृजन और मूल्यांकन डा. दुर्गाप्रसाद झाला (शाजापुर)

[१०] महेंद्रभटनागर की सर्जनशीलता (शोध / नागपुर वि.) डा. विनीता मानेकर (तिरोड़ा-भंडारा / महाराष्ट्र)

[११] प्रगतिवादी कवि महेंद्रभटनागर : अनुभूति और अभिव्यक्ति /(शोध / जीवाजी वि., ग्वालियर) डा. माधुरी शुक्ला (स्व.)

[१२] महेंद्रभटनागर के काव्य का वैचारिक एवं संवेदनात्मक धरातल (शोध / सम्बलपुर वि., उड़ीसा) डा. रजत कुमार षड़ंगी (कोरापुट-उडी़सा)

[१३] डा. महेंद्रभटनागर : व्यक्तित्व और कृतित्व (शोध / कर्नाटक वि.) डा. मंगलोर अब्दुलरज़ाक बाबुसाब (गदग-कर्नाटक)

[१४] डा. महेंद्रभटनागर के काव्य का नव-स्वछंदतावादी मूल्यांकन ( दयालबाग डीम्ड वि., आगरा) डा. कविता शर्मा (आगरा)

[१५] डा. महेंद्रभटनागर के काव्य में सांस्कृतिक चेतना (शोध / कानपुर वि.) डा. अलका रानी (कन्नौज)

[१६] महेंद्रभटनागर के काव्य में युग-बोध (शोध / ललितनारायण वि., दरभंगा) डा. मीना गामी (दरभंगा)


CRITICAL STUDY OF MAHENDRA BHATNAGAR'S POETRY

[1]The Poetry of Mahendra Bhatnagar : Realistic & Visionary Aspects Ed. Dr. O.P. Budholia

[2]Living Through Challenges : A Study of Dr.Mahendra Bhatnagar's Poetry By Dr. B.C. Dwivedy.

[3] Poet Dr. Mahendra Bhatnagar : His Mind And Art / (In Eng. & French) Ed. Dr. S.C. Dwivedi & Dr. Shubha Dwivedi

Works :

[1] Forty Poems of Mahendra Bhatnagar [2] After The Forty Poems [3] Exuberance and other poems [4] Dr. Mahendra Bhatnagar's Poetry [5] Death-Perception : Life-Perception [6] Poems : For A Better World [7] Passion and Compassion [8] Lyric-Lute [9] A Handful of Light [10]Dawn to Dusk [11]A Few Later Poems Of Mahendra Bhatnagar

Translations :

In French : A Modern Indian Poet : Dr. Mahendra Bhatnagar : UN POÈTE INDIEN ET MODERNE / Tr. Mrs. Purnima Ray

In Tamil : Kaalan Maarum, Mahendra Bhatnagarin Kavithaigal.

In Telugu : Deepanni Veliginchu.

In Kannad & In Bangla : Mrityu-Bodh : Jeewan-Bodh.

In Marathi : Samkalp Aaani Anaya Kavita

In Oriya : Kala-Sadhna.

In Malyalam, Gujrati, Manipuri, Urdu. In Czech, Japanese, Nepali,

Links :

HINDI www.blogbud.com/author 5652

ENGLISH-FRENCH www.poetrypoem.com/mpb1

ENGLISH (1) www.poetrypoem.com/mpb2 [Selected Poems 1,2,3]

(2) www.poetrypoem.com/mpb4 [‘Exuberance and other poems’ / ‘Poems : For A Better World / Passion and Compassion]

(3) www.poetrypoem.com/mpb3 [‘Death-Perception : Life-Perception’ / ‘A Handful Of Light’]

(4) www.poetrypoem.com/mpb [‘Lyric-Lute’]

(5)www.anindianenglishpoet.blogspot.com [‘…A Study Of Dr. Mahendra Bhatnagar’s Poetry’]

(6)www.mahendrabhatnagar.blogspot.com [ Critics & Mahendra Bhatnagar’s Poetry]

प्रस्तुति : डा. शालीन कुमार सिंह, बदायूँ [उ.प्र.]