भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"महेन्द्र भटनागर / परिचय" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 +
{{KKRachnakaarParichay
 +
|रचनाकार=महेन्द्र भटनागर
 +
}}
 
२६ जून १९२६ को प्रातः ६ बजे झाँसी (उ. प्र.) में, ननसार में, जन्म। प्रारम्भिक शिक्षा झाँसी, मुरार (ग्वालियर), सबलगढ़ (मुरैना) में। शासकीय विद्यालय, मुरार (ग्वालियर) से मैट्रिक (सन्१९४१), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर (सत्र ४१-४२) और माधव महाविद्यालय, उज्जैन (सत्र्४२-४३) से इंटरमीडिएट (सन्१९४३), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर से बी. ए. (सन्१९४५), नागपुर विश्वविद्यालय से सन्१९४८ में एम. ए. (हिन्दी) और सन्१९५७ में 'समस्यामूलक उपन्यासकार प्रेमचंद' विषय पर पी-एच. डी.। जुलाई १९४५ से अध्यापन-कार्य — उज्जैन, देवास, धार, दतिया, इंदौर, ग्वालियर, महू, मंदसौर में। 'कमलाराजा कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ग्वालियर (जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर) से १ जुलाई १९८४ को प्रोफ़ेसर-अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त।
 
२६ जून १९२६ को प्रातः ६ बजे झाँसी (उ. प्र.) में, ननसार में, जन्म। प्रारम्भिक शिक्षा झाँसी, मुरार (ग्वालियर), सबलगढ़ (मुरैना) में। शासकीय विद्यालय, मुरार (ग्वालियर) से मैट्रिक (सन्१९४१), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर (सत्र ४१-४२) और माधव महाविद्यालय, उज्जैन (सत्र्४२-४३) से इंटरमीडिएट (सन्१९४३), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर से बी. ए. (सन्१९४५), नागपुर विश्वविद्यालय से सन्१९४८ में एम. ए. (हिन्दी) और सन्१९५७ में 'समस्यामूलक उपन्यासकार प्रेमचंद' विषय पर पी-एच. डी.। जुलाई १९४५ से अध्यापन-कार्य — उज्जैन, देवास, धार, दतिया, इंदौर, ग्वालियर, महू, मंदसौर में। 'कमलाराजा कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ग्वालियर (जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर) से १ जुलाई १९८४ को प्रोफ़ेसर-अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त।
  
 
कार्यक्षेत्र : चम्बल-अंचल, मालवा, बुंदेलखंड।
 
कार्यक्षेत्र : चम्बल-अंचल, मालवा, बुंदेलखंड।
 
सम्प्रति शोध-निर्देशक — हिन्दी भाषा एवं साहित्य।
 
  
 
अधिकांश साहित्य 'महेंद्रभटनागर-समग्र' के छह-खंडों में एवं काव्य-सृष्टि 'महेंद्रभटनागर की कविता-गंगा' के तीन खंडों में प्रकाशित।
 
अधिकांश साहित्य 'महेंद्रभटनागर-समग्र' के छह-खंडों में एवं काव्य-सृष्टि 'महेंद्रभटनागर की कविता-गंगा' के तीन खंडों में प्रकाशित।
पंक्ति 72: पंक्ति 73:
 
मूल्यांकन  /  शोध
 
मूल्यांकन  /  शोध
  
[१] महेंद्रभटनागर की काव्य-संवेदना :  
+
[१] महेंद्रभटनागर की काव्य-संवेदना :अन्तःअनुशासनीय आकलन --डा. वीरेंद्र सिंह (जयपुर)
                अन्तःअनुशासनीय आकलन
+
डा. वीरेंद्र सिंह (जयपुर)
+
  
 
[२] कवि महेंद्रभटनागर का रचना-कर्म
 
[२] कवि महेंद्रभटनागर का रचना-कर्म
पंक्ति 103: पंक्ति 102:
 
डा. विनीता मानेकर (तिरोड़ा-भंडारा / महाराष्ट्र)
 
डा. विनीता मानेकर (तिरोड़ा-भंडारा / महाराष्ट्र)
  
[११] प्रगतिवादी कवि महेंद्रभटनागर :  
+
[११] प्रगतिवादी कवि महेंद्रभटनागर : अनुभूति और अभिव्यक्ति /(शोध / जीवाजी वि., ग्वालियर)
                अनुभूति और अभिव्यक्ति /
+
(शोध / जीवाजी वि., ग्वालियर)
+
 
डा. माधुरी शुक्ला (स्व.)
 
डा. माधुरी शुक्ला (स्व.)
  
[१२] महेंद्रभटनागर के काव्य का  
+
[१२] महेंद्रभटनागर के काव्य का वैचारिक एवं संवेदनात्मक धरातल (शोध / सम्बलपुर वि., उड़ीसा)
                  वैचारिक एवं संवेदनात्मक धरातल
+
(शोध / सम्बलपुर वि., उड़ीसा)
+
 
डा. रजत कुमार षड़ंगी (कोरापुट-उडी़सा)
 
डा. रजत कुमार षड़ंगी (कोरापुट-उडी़सा)
  
[१३] डा. महेंद्रभटनागर : व्यक्तित्व और कृतित्व  
+
[१३] डा. महेंद्रभटनागर : व्यक्तित्व और कृतित्व (शोध / कर्नाटक वि.)
                  (शोध / कर्नाटक वि.)
+
 
डा. मंगलोर अब्दुलरज़ाक बाबुसाब (गदग-कर्नाटक)
 
डा. मंगलोर अब्दुलरज़ाक बाबुसाब (गदग-कर्नाटक)
  
[१४] डा. महेंद्रभटनागर के काव्य का  
+
[१४] डा. महेंद्रभटनागर के काव्य का नव-स्वछंदतावादी मूल्यांकन ( दयालबाग डीम्ड वि., आगरा)
                  नव-स्वछंदतावादी मूल्यांकन
+
(शोध / दयालबाग डीम्ड वि., आगरा)
+
 
डा. कविता शर्मा (आगरा)
 
डा. कविता शर्मा (आगरा)
  
पंक्ति 202: पंक्ति 194:
 
(3) www.poetrypoem.com/mpb3
 
(3) www.poetrypoem.com/mpb3
 
[‘Death-Perception : Life-Perception’ /
 
[‘Death-Perception : Life-Perception’ /
‘A Handful Of Light’]  
+
‘A Handful Of Light’]  
  
 
(4) www.poetrypoem.com/mpb
 
(4) www.poetrypoem.com/mpb

21:38, 25 जून 2020 के समय का अवतरण

२६ जून १९२६ को प्रातः ६ बजे झाँसी (उ. प्र.) में, ननसार में, जन्म। प्रारम्भिक शिक्षा झाँसी, मुरार (ग्वालियर), सबलगढ़ (मुरैना) में। शासकीय विद्यालय, मुरार (ग्वालियर) से मैट्रिक (सन्१९४१), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर (सत्र ४१-४२) और माधव महाविद्यालय, उज्जैन (सत्र्४२-४३) से इंटरमीडिएट (सन्१९४३), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर से बी. ए. (सन्१९४५), नागपुर विश्वविद्यालय से सन्१९४८ में एम. ए. (हिन्दी) और सन्१९५७ में 'समस्यामूलक उपन्यासकार प्रेमचंद' विषय पर पी-एच. डी.। जुलाई १९४५ से अध्यापन-कार्य — उज्जैन, देवास, धार, दतिया, इंदौर, ग्वालियर, महू, मंदसौर में। 'कमलाराजा कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ग्वालियर (जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर) से १ जुलाई १९८४ को प्रोफ़ेसर-अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त।

कार्यक्षेत्र : चम्बल-अंचल, मालवा, बुंदेलखंड।

अधिकांश साहित्य 'महेंद्रभटनागर-समग्र' के छह-खंडों में एवं काव्य-सृष्टि 'महेंद्रभटनागर की कविता-गंगा' के तीन खंडों में प्रकाशित।

सम्पर्क : डा. महेंद्रभटनागर, सर्जना-भवन, ११० बलवन्तनगर, गांधी रोड, ग्वालियर — ४७४ ००२ [म. प्र.] फ़ोन : ०७५१-४०९२९०८ / मो. ९८ ९३४ ०९७९३ E-Mail : drmahendra02@gmail.com; drmahendrabh@rediffmail.com

द्वि-भाषिक कवि — हिन्दी और अंग्रेज़ी।

सन् १९४१ के लगभग अंत से काव्य-रचना आरम्भ। तब पन्द्रह वर्षीय महेन्द्र भटनागर 'विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर' में इंटरमीडिएट (प्रथम वर्ष) के छात्र थे। सम्भवतः उनकी पहली कविता 'सुख-दुख' है; जो उनके कालेज की वार्षिक पत्रिका 'विक्टोरिया कॉलेज मेगज़ीन' के किसी अंक में छपी थी। वस्तुतः प्रथम प्रकाशित कविता 'हुंकार' है; जो 'विशाल भारत' (कलकत्ता) के मार्च १९४४ के अंक में प्रकाशित हुई।

लगभग छह वर्ष की काव्य-रचना का परिप्रेक्ष्य स्वतंत्रता-पूर्व भारत; शेष स्वातंत्र्योत्तर।

हिन्दी की तत्कालीन तीनों काव्य-धाराओं से सम्पृक्त — राष्ट्रीय काव्य-धारा, उत्तर छायावादी गीति-काव्य, प्रगतिवादी कविता।

समाजार्थिक-राष्ट्रीय-राजनीतिक चेतना-सम्पन्न रचनाकार।

सन् १९४६ से प्रगतिवादी काव्यान्दोलन से सक्रिय रूप से सम्बद्ध। 'हंस' (बनारस/इलाहाबाद) में कविताओं का प्रकाशन। तदुपरान्त अन्य जनवादी-वाम पत्रिकाओं में भी। प्रगतिशील हिन्दी कविता के द्वितीय उत्थान के चर्चित हस्ताक्षर।

सन् १९४९ से काव्य-कृतियों का क्रमशः प्रकाशन।

प्रगतिशील मानवतावादी कवि के रूप में प्रतिष्ठित। समाजार्थिक यथार्थ के अतिरिक्त अन्य प्रमुख काव्य-विषय रहे— प्रेम, प्रकृति, जीवन-दर्शन। दर्द की गहन अनुभूतियों के समान्तर जीवन और जगत के प्रति आस्थावान कवि। अदम्य जिजीविषा एवं आशा-विश्वास के अद्भुत-अकम्प स्वरों के सर्जक।

काव्य-शिल्प के प्रति विशेष रूप से जागरूक।

छंदबद्ध और मुक्त-छंद दोनों में काव्य-सॄष्टि। छंद-मुक्त गद्यात्मक कविता अत्यल्प। मुक्त-छंद की रचनाएँ भी मात्रिक छंदों से अनुशासित।

काव्य-भाषा में तत्सम शब्दों के अतिरिक्त तद्भव व देशज शब्दों एवं अरबी-फ़ारसी (उर्दू), अंग्रेज़ी आदि के प्रचलित शब्दों का प्रचुर प्रयोग।

सर्वत्र प्रांजल अभिव्यक्ति। लक्षणा-व्यंजना भी दुरूह नहीं। सहज काव्य के पुरस्कर्ता। सीमित प्रसंग-गर्भत्व। विचारों-भावों को प्रधानता। कविता की अन्तर्वस्तु के प्रति सजग।

'महेंद्रभटनागर की कविता-गंगा'

खंड : १

१ तारों के गीत २ विहान ३ अन्तराल ४ अभियान ५ बदलता युग ६ टूटती शृंखलाएँ

खंड : २

७ नयी चेतना ८ मधुरिमा ९ जिजीविषा १० संतरण ११ संवर्त

खंड : ३

१२ संकल्प १३ जूझते हुए १४ जीने के लिए १५ आहत युग १६ अनुभूत-क्षण १७ मृत्यु-बोध : जीवन-बोध १८ राग-संवेदन

प्रतिनिधि संकलन

१९ गीति-संगीति [प्रतिनिधि गेय गीत] २० महेंद्रभटनागर की कविता-यात्रा [प्रतिनिधि कविताएँ]

मूल्यांकन / शोध

[१] महेंद्रभटनागर की काव्य-संवेदना :अन्तःअनुशासनीय आकलन --डा. वीरेंद्र सिंह (जयपुर)

[२] कवि महेंद्रभटनागर का रचना-कर्म डा. किरणशंकर प्रसाद (दरभंगा)

[३] डा. महेंद्रभटनागर की काव्य-साधना ममता मिश्रा (स्व.)

[४] महेंद्रभटनागर की कविता : परख और पहचान सं. डा. पाण्डेय शशिभूषण 'शीतांशु' (अमृतसर)

[५] डा. महेंद्रभटनागर की काव्य-सृष्टि सं. डा. रामसजन पाण्डेय (रोहतक)

[६] डा. महेंद्रभटनागर का कवि व्यक्तित्व सं. डा. रवि रंजन (हैदराबाद)

[७] सामाजिक चेतना के शिल्पी : कवि महेंद्रभटनागर सं. डा. हरिचरण शर्मा (जयपुर)

[८] कवि महेंद्रभटनागर का रचना-संसार सं. डा. विनयमोहन शर्मा (स्व.)

[९] कवि महेंद्रभटनागर : सृजन और मूल्यांकन डा. दुर्गाप्रसाद झाला (शाजापुर)

[१०] महेंद्रभटनागर की सर्जनशीलता (शोध / नागपुर वि.) डा. विनीता मानेकर (तिरोड़ा-भंडारा / महाराष्ट्र)

[११] प्रगतिवादी कवि महेंद्रभटनागर : अनुभूति और अभिव्यक्ति /(शोध / जीवाजी वि., ग्वालियर) डा. माधुरी शुक्ला (स्व.)

[१२] महेंद्रभटनागर के काव्य का वैचारिक एवं संवेदनात्मक धरातल (शोध / सम्बलपुर वि., उड़ीसा) डा. रजत कुमार षड़ंगी (कोरापुट-उडी़सा)

[१३] डा. महेंद्रभटनागर : व्यक्तित्व और कृतित्व (शोध / कर्नाटक वि.) डा. मंगलोर अब्दुलरज़ाक बाबुसाब (गदग-कर्नाटक)

[१४] डा. महेंद्रभटनागर के काव्य का नव-स्वछंदतावादी मूल्यांकन ( दयालबाग डीम्ड वि., आगरा) डा. कविता शर्मा (आगरा)

[१५] डा. महेंद्रभटनागर के काव्य में सांस्कृतिक चेतना (शोध / कानपुर वि.) डा. अलका रानी (कन्नौज)

[१६] महेंद्रभटनागर के काव्य में युग-बोध (शोध / ललितनारायण वि., दरभंगा) डा. मीना गामी (दरभंगा)


CRITICAL STUDY OF MAHENDRA BHATNAGAR'S POETRY

[1]The Poetry of Mahendra Bhatnagar : Realistic & Visionary Aspects Ed. Dr. O.P. Budholia

[2]Living Through Challenges : A Study of Dr.Mahendra Bhatnagar's Poetry By Dr. B.C. Dwivedy.

[3] Poet Dr. Mahendra Bhatnagar : His Mind And Art / (In Eng. & French) Ed. Dr. S.C. Dwivedi & Dr. Shubha Dwivedi

Works :

[1] Forty Poems of Mahendra Bhatnagar [2] After The Forty Poems [3] Exuberance and other poems [4] Dr. Mahendra Bhatnagar's Poetry [5] Death-Perception : Life-Perception [6] Poems : For A Better World [7] Passion and Compassion [8] Lyric-Lute [9] A Handful of Light [10]Dawn to Dusk [11]A Few Later Poems Of Mahendra Bhatnagar

Translations :

In French : A Modern Indian Poet : Dr. Mahendra Bhatnagar : UN POÈTE INDIEN ET MODERNE / Tr. Mrs. Purnima Ray

In Tamil : Kaalan Maarum, Mahendra Bhatnagarin Kavithaigal.

In Telugu : Deepanni Veliginchu.

In Kannad & In Bangla : Mrityu-Bodh : Jeewan-Bodh.

In Marathi : Samkalp Aaani Anaya Kavita

In Oriya : Kala-Sadhna.

In Malyalam, Gujrati, Manipuri, Urdu. In Czech, Japanese, Nepali,

Links :

HINDI www.blogbud.com/author 5652

ENGLISH-FRENCH www.poetrypoem.com/mpb1

ENGLISH (1) www.poetrypoem.com/mpb2 [Selected Poems 1,2,3]

(2) www.poetrypoem.com/mpb4 [‘Exuberance and other poems’ / ‘Poems : For A Better World / Passion and Compassion]

(3) www.poetrypoem.com/mpb3 [‘Death-Perception : Life-Perception’ / ‘A Handful Of Light’]

(4) www.poetrypoem.com/mpb [‘Lyric-Lute’]

(5)www.anindianenglishpoet.blogspot.com [‘…A Study Of Dr. Mahendra Bhatnagar’s Poetry’]

(6)www.mahendrabhatnagar.blogspot.com [ Critics & Mahendra Bhatnagar’s Poetry]

प्रस्तुति : डा. शालीन कुमार सिंह, बदायूँ [उ.प्र.]