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"मदार / रंजना जायसवाल" के अवतरणों में अंतर
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20:32, 26 जून 2013 के समय का अवतरण
पाश काँलोनी में दरवाजों के पास
मदार के पेड़ देखकर चौंक पड़ी मैं
कैसे इतना पापुलर हुआ
उपेक्षित मदार
अब तक तो उगता रहा
कचरे के ढेर
और लावारिस जगहों पर
अपने-आप
नहीं चढ़ाया जाता
देवताओं को
[अपवाद बस शिव हैं ,पर वे भी तो देवलोक से बहिष्कृत हैं ]
किसी भी पौधे से कम आकर्षक नही है
मझोला मदार
चौड़े हरे पत्तों के बीच
दमकता है उसका सफेद
या फिर हल्का बैंगनी फूलों -सा चेहरा
मान्यता रही कि खतरनाक है मदार
फिर क्यों सजाया जा रहा है उससे द्वार
पता चला किसी बाबा ने बताया है
मदार के औषधीय शुभ गुणों से परिचित कराया है
पर सफेद मदार
रंग-भेद यहाँ भी ?