Changes

प्रेम / नन्दकिशोर नवल

1 byte added, 07:02, 20 अगस्त 2013
{{KKCatKavita}}
<poem>
मेरे प्राणों के शिखरज्योतिर्मय शिखर ज्योतिर्मय हो रहे हैं,
मेरे मन के आम्रवन में मलयपवन का संचार हो रहा है,
मेरे अन्तर के शालिक्षेत्र पर चन्दा का अमृत बरस रहा है,
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,443
edits