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"एक वाक्य / धर्मवीर भारती" के अवतरणों में अंतर

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चेक बुक हो पीली या लाल,  
 
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दाम सिक्के हों या शोहरत -
 
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कह दो उनसे  
 
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जो ख़रीदने आये हों तुम्हें  
 
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हर भूखा आदमी बिकाऊ नहीं होगा है !
 
हर भूखा आदमी बिकाऊ नहीं होगा है !
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09:57, 4 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण

चेक बुक हो पीली या लाल,
दाम सिक्के हों या शोहरत -
कह दो उनसे
जो ख़रीदने आये हों तुम्हें
हर भूखा आदमी बिकाऊ नहीं होगा है !